तेल-गैस की बढ़ी कीमतों पर सियासी हमला, लोकसभा-राज्यसभा में भारी हंगामा, राहुल बोले-अब सरकार लगातार करेगी कीमतों का ‘विकास’
राज्यसभा में प्रतिपक्ष नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी ईंधन की कीमतों में बढ़ोत्तरी को लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधा.
Fuel Price Rise: पेट्रोल-डीजल और गैस की कीमतों में मंगलवार को इजाफे के बाद महंगाई के इस डबल अटैक से जहां एक तरफ लोगों को जेब ढीली करनी पड़ रही है तो वहीं दूसरी तरफ संसद के दोनों सदनों में भी इसकी गूंज सुनाई दी. राज्यसभा और लोकसभा में विपक्षी दलों की तरफ से इस मुद्दे पर जमकर हंगामा किया गया. दूसरी तरफ, इसको लेकर राजनीतिक दलों की तरफ से केन्द्र सरकार पर लगातार हमले किए जा रहे हैं. कांग्रेस नेता और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा.
राहुल का केन्द्र पर हमला बोल
राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा- गैस, डीजल और पेट्रोल के दामों पर लगा ‘लॉकडाउन’ हटा दिया गया है. अब सरकार कीमतों का ‘विकास’ करेगी. महंगाई की महामारी के बारे में प्रधानमंत्री जी से पूछिए, तो वे कहेंगे #ThaliBajao. लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमने तो पहले ही कहा था कि चुनाव के बाद ईंधन की कीमतों में इजाफा होगा. हम बिल्कुल सही साबित हुए. मोदी सरकार गरीबों की लूट पर अमादा है. लेकिन हम लोकसभा के अंदर और बाहर इस रूख के खिलाफ आम जनता के साथ खड़े रहेंगे.
मल्लिकार्जुन खड़गे का निशाना
इधर, राज्यसभा में प्रतिपक्ष नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी ईंधन की कीमतों में बढ़ोत्तरी को लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ईंधन की कीमतों में इजाफा कर मोदी सरकार 10 हजार करोड़ रुपये बनाने जा रही है. कई लोग यह कहते हैं कि यूक्रेन-रूस संकट के चलते तेल की कीमतें बढ़ रही हैं, लेकिन हम रूस से 1 फीसदी भी कच्चे तेल की खरीददारी नहीं करते हैं.
अखिलेश बोले-बीजेपी ने दिया महंगाई का एक और उपहार
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को गैस सिलेंडर के दाम में वृद्धि को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और विधानसभा चुनाव बीतने के बाद महंगाई बढ़ाने का आरोप लगाया. सपा प्रमुख ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए मंगलवार की सुबह ट्वीट किया, ‘‘जनता को दिया भाजपा सरकार ने महंगाई का एक और उपहार… लखनऊ में रसोई गैस सिलेंडर हुआ हजार के पास और पटना में हजार के पार।’’ इसी ट्वीट में अखिलेश ने लिखा, ‘‘चुनाव खत्म, महंगाई शुरू…’’
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मंगलवार को 80 पैसे प्रति लीटर, जबकि घरेलू रसोई गैस के दाम में 50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की गई. इस तरह, चुनावी गतिविधियों के कारण पेट्रोल, डीजल की दरों में संशोधन पर साढ़े चार महीने से जारी रोक खत्म हो गई.
जानें कहां कितनी कीमत
मूल्यवृद्धि के बाद, दिल्ली में अब पेट्रोल की कीमत 96.21 रुपये प्रति लीटर होगी, जो पहले 95.41 रुपये थी, जबकि डीजल की कीमत 86.67 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 87.47 रुपये हो गई है। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में बिना सब्सिडी वाले, 14.2 किलोग्राम के रसोई गैस सिलेंडर की कीमत बढ़ाकर 949.50 रुपये कर दी गई है. एलपीजी की दर में अंतिम बार छह अक्टूबर 2021 को संशोधन किया गया था। वहीं, पेट्रोल और डीजल की कीमतें चार नवंबर से स्थिर थीं. एलपीजी की कीमत जुलाई और अक्टूबर 2021 के बीच प्रति सिलेंडर 100 रुपये के करीब बढ़ गई थीं.
महामारी के कारण आई मंदी और फिर रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण कच्चे माल की लागत बढ़ती गई इसके बावजूद एलपीजी और वाहन ईंधन दोनों की कीमतें तब से स्थिर थीं. गैर-सब्सिडी वाली रसोई गैस वह है जिसे उपभोक्ता सब्सिडी वाले या बाजार से कम दरों पर 12 सिलेंडरों का अपना कोटा खत्म हो जाने के बाद खरीदते हैं.
हालांकि, सरकार ज्यादातर शहरों में एलपीजी पर कोई सब्सिडी नहीं देती है और बहुचर्चित ‘उज्ज्वला योजना’ के तहत मुफ्त कनेक्शन पाने वाली गरीब महिलाओं समेत सामान्य उपभोक्ताओं को मिलने वाले रिफिल सिलेंडर की कीमत बिना सब्सिडी वाले या बाजार मूल्य पर मिलने वाले एलपीजी के समान है. सूत्रों ने कहा कि पांच किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर की कीमत अब 349 रुपये होगी जबकि 10 किलोग्राम के मिश्रित सिलेंडर की कीमत 669 रुपये होगी। 19 किलो के वाणिज्यिक सिलेंडर की कीमत अब 2003.50 रुपये है.
137 दिनों के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा
जून 2017 से पेट्रोल और डीजल की कीमतों को बीते 15 दिन की अंतरराष्ट्रीय दर के अनुरूप दैनिक रूप से समायोजित किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में पांच रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी जिसके बाद चार नवंबर, 2021 से ईंधन की दरें नहीं बढ़ी हैं. इसके बाद अधिकांश राज्य सरकारों ने भी स्थानीय बिक्री कर या वैट कम किया.
इससे पहले पेट्रोल की कीमत 110.04 रुपये प्रति लीटर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी और डीजल 98.42 रुपये प्रति लीटर हो गया था. ये दरें तब थीं जब 26 अक्टूबर 2021 को कच्चा तेल 86.40 प्रति बैरल था. पांच नवंबर 2021 को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम 82.74 डॉलर प्रति बैरल थे जिसके बाद इनमें गिरावट आने लगी और यह दिसंबर में 68.87 डॉलर प्रति बैरल हो गए. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल के दाम बढ़ रहे हैं. हालांकि, पश्चिमी देशों ने अब तक ऊर्जा व्यापार को प्रतिबंधों से बाहर रखा है, लेकिन रूसी तेल और उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध की आशंका से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में फिर से इजाफा हो सकता है.