Monsoon Session: संसद में केंद्रीय बजट पर आज गुरुवार (25 जुलाई) को चर्चा हुई. इस बीच कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी के लोकसभा में 'वारिस पंजाब दे' के चीफ और निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह को लेकर दिए गए बयान पर सियासत तेज हो गई है. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि यह उनका निजी बयान है. हम INDIA गठबंधन के सहयोगी हैं, लेकिन यह हमारा बयान नहीं है, यह उनका बयान है. इसमें पंजाब की राजनीति है.


न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि मैं यही कहूंगा कि हम खालिस्तान की बात करने वाले किसी भी व्यक्ति का समर्थन नहीं कर सकते. चाहे वो कोई भी हो. अगर वह (अमृतपाल सिंह) चुनाव जीत गए हैं, तो उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए क्या प्रयास किए जा सकते हैं?


'पंजाब के सांसदों की बहस इस तरह से नहीं होनी चाहिए'


 उन्होंने कहा कि आज जो संसद की कार्यवाही के दौरान हुआ वो नहीं होना चाहिए था. जिस तरह से लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर में पंजाब के सांसद आपस में बहस कर रहे थे, इससे मारपीट तक की नौबत आ सकती थी, जिसके कारण बहुत बड़ा हुड़दंग हुआ. इसका संदेश पूरे देश में गया. ऐसी घटनाएं बजट के बहस के दौरान नहीं होनी चाहिए.






संसद परिसर में भिड़े चरण जीत सिंह चन्नी और रवनीत बिट्टू


संसद में बजट पर चर्चा के दौरान पंजाब के पूर्व सीएम और जालंधर से सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने बजट को लेकर बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया. सरकार से शुरू हुई बहस केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू तक जा पहुंची, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री बिट्टू, कांग्रेस सांसद चन्नी पर भड़क गए. दरअसल, हुआ ये था कि बजट पर चर्चा के दौरान बोलते हुए कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम चन्नी ने केंद्रीय मंत्री बिट्टू को लेकर निजी टिप्पणी कर दी.


चन्नी ने सदन में कहा,'बिट्टू जी, आपके दादाजी शहीद हुए थे, लेकिन वे उस दिन नहीं मरे, वे उस दिन मरे थे जिस दिन आपने कांग्रेस को छोड़ा था.' इस पर बिट्टू भड़क गए और उन्होंने कहा कि मेरे दादाजी सरदार बेअंत सिंह ने देश के लिए कुर्बानी दी थी. कांग्रेस पार्टी के लिए नहीं दी थी.


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