नई दिल्ली: उत्तराखंड के उच्च गढवाल हिमालय में स्थित विश्वप्रसिद्ध चारधामों की वार्षिक यात्रा इस साल आज मंदिरों के कपाट खुलने के साथ ही शुरू हो जाएगी, लेकिन कोरोना वायरस संकट के कारण श्रद्धालुओं को उनके दर्शन की अनुमति नहीं मिलेगी. उत्तराखंड के चारधाम के नाम से प्रसिद्ध बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट छह माह के शीतकालीन अवकाश के बाद हर साल अप्रैल-मई में खुलते हैं और इस दौरान इन समारोहों में हमेशा हजारों श्रद्धालु शामिल होते रहे हैं.
29 अप्रैल को खुलेंगे केदारनाथ मंदिर के कपाट
हालांकि, कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन की छाया इस साल की चारधाम यात्रा पर पड़ी है. अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर आज उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खोल दिए जायेंगे और इसी के साथ चारधाम यात्रा की विधिवत शुरूआत हो जाएगी. केदारनाथ मंदिर के कपाट 29 अप्रैल को खुलेंगे जबकि बदरीनाथ के कपाट 15 मई को खुलेंगे.
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श्रद्धालुओं को मंदिर आने की अनुमति नहीं दे सकते- संस्कृति मंत्री सतपाल
राज्य के पर्यटन और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि आपासी मेल-जोल से दूरी के नियम के अनुपालन में हम अभी श्रद्धालुओं को मंदिर आने की अनुमति नहीं दे सकते. कपाट खुलने के समारोह में पूजा करने वाले पुजारियों और मंदिर समिति के अधिकारियों के एक चुनिंदा समूह को ही शामिल होने की अनुमति दी जा रही है.
केंद्र के निर्देशों के आधार पर लिए जाएंगे निर्णय
उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति के संबंध में लॉकडाउन समाप्त होने के बाद केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के आधार पर निर्णय किया जाएगा. महाराज ने कहा कि इस समय हमारी प्राथमिकता धार्मिक आस्था और परंपराओं का पालन करते हुए मंदिरों के कपाट खोलना है. बाकी निर्णय केंद्र के निर्देशों के आधार पर लिए जाएंगे. कोरोना वायरस संक्रमण के कारण यात्रा और पर्यटन को पहुंचे नुकसान के बारे में मंत्री ने कहा कि इस झटके से उबरने के लिए एक कार्ययोजना बनायी जा रही है. उन्होंने कहा कि यात्रा पर सामाजिक मेलजोल से दूरी के आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिए हम कई उपायों पर विचार कर रहे हैं जो लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भी यह जारी रहेगा.