मुंबई: ICICI बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, वीडियोकॉन ग्रुप के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत और अन्य आरोपियों के खिलाफ मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत ED की विशेष अदालत में आरोप तय किए जाएंगे. दीपक कोचर को ED ने पिछली साल गिरफ्तार किया था जबकि चंदा कोचर और वेणुगोपाल धूत को ED से जमानत मिली है.
ईडी का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक में CEO पद पर रहने की दौरान चंदा कोचर की अध्यक्षता वाली की एक समिति ने वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को 300 करोड़ रुपये के कर्ज की मंजूरी दी. अगले ही दिन 8 सितंबर 2009 को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज ने 64 करोड़ रुपये न्यूपॉवर रिन्यूएबल प्राइवेट लिमिटेड (एनआरपीएल) को हस्तांतरित किए. न्यूपॉवर रिन्यूएबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की 50 फीसदी हिस्सेदारी हैं.
ED का मानना है कि ICICI बैंक द्वारा लोन वीडियोकॉन के वेणुगोपाल धूत को दिए गए थे. उसमें से रिश्वत के तौर पर यह पैसे कोचर को दिए गए. CBI ने 22 जनवरी 2019 को मामला दर्ज कर दीपक कोचर, चंदा कोचर, वेणुगोपाल धूत और उनकी संबंधित फर्मों के खिलाफ जांच शुरू की थी. ED ने 30 जनवरी 2019 को इस मामले पर एक केस दर्ज किया था. इसके पहले 25 अगस्त 2021 के दिन ICICI-वीडियोकॉन लोन केस मामले के मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत चंदा कोचर, दीपक कोचर, वेणुगोपाल धूत तथा अन्य के खिलाफ ड्राफ्ट चार्जेस तय किए गए थे.
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