नई दिल्ली: पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए आए गोला बारूद नकली नोट तथा हथियारों के मामले में एनआईए ने खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के 9 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पंजाब की मोहाली स्थित विशेष कोर्ट में दायर किया है. आरोप है कि ड्रोन के माध्यम से हथियार, नकली नोट आदि अगस्त और सितंबर 2019 के महीने में भेजे गए थे. भारत में इन्हें खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के आरोपियों ने रिसीव किया था. इनका मकसद पंजाब में बड़ी आतंकवादी साजिश को अंजाम देना था. दिलचस्प यह भी है कि इस पूरी साजिश को अमृतसर सेंट्रल जेल में रचा गया था.


एनआईए की मुताबिक जिन नौ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है, उनमें आकाशदीप सिंह, बलवंत सिंह, हरभजन सिंह, बलवीर सिंह, मान सिंह, गुरदेव सिंह, सुखदीप सिंह, सजनप्रीत सिंह और रोमदीप सिंह बताए गए हैं. एनआईए ने इन सभी के खिलाफ देशद्रोह समेत विभिन्न आपराधिक धाराओं और विस्फोटक अधिनियम के तहत आरोप पत्र दायर किया है।


एनआईए के एक अधिकारी ने बताया यह मुकदमा शुरुआती दौर में अमृतसर पंजाब की विशेष ऑपरेशन सेल में दर्ज किया गया था. इस मामले में आरोप था कि पाकिस्तान में बैठे खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के प्रमुख रंजीत सिंह उर्फ नीता तथा गुरमीत सिंह उर्फ बग्गा कुछ लोगों के साथ मिलकर भारत में विशेषकर पंजाब में अशांति फैलाना चाहते हैं. आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देना चाहते हैं और यह लोग हथियार गोला-बारूद विस्फोटक और नकली भारतीय मुद्रा भारतीय सीमा में पाकिस्तान सीमा पार से आने वाले ड्रोन के माध्यम से कर रहे हैं.


जांच के दौरान यह भी पता चला की ऐसी 4 से 5 खेपे जो ड्रोन के जरिए आई थी वह अगस्त और सितंबर 2019 के महीनों में आई थी और ड्रोन के माध्यम से आई इस सामग्री को खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के आकाशदीप सिंह बलवंत सिंह हरभजन सिंह और बलवीर सिंह ने प्राप्त की थी. यह भी आरोप है कि यह लोग पंजाब में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए भारत में अनेक लोगों को आतंकवादी घटनाओं में शामिल रहने के लिए भर्ती कर रहे थे और इसमें सुखदीप सिंह का नाम प्रमुख तौर पर सामने आया था.


इसके बाद जांच एजेंसी ने आकाशदीप सिंह बलवंत सिंह बलवीर सिंह और हरभजन सिंह को 22 सितंबर 2019 को चोहला साहिब जिला तरनतारन में भारी मात्रा में हथियार गोला-बारूद विस्फोटक के साथ गिरफ्तार किया. आरंभिक पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपी आकाश सिंह को खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स में आरोपी मानसिंह और गुरदेव सिंह द्वारा भर्ती किया गया था. इस अपराध की साजिश अमृतसर सेंट्रल जेल में साल 2019 के दौरान तब रची गई थी जब ये तीनों अन्य अपराधों में न्यायिक हिरासत में थे.


एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया कि इस मामले में पहले आरोप पत्र के दाखिल किए जाने के बाद जांच अभी भी जारी है. यह जांच फरार आरोपी गुरमीत सिंह उर्फ बग्गा और रंजीत सिंह उर्फ नीता तथा अन्य संदिग्धों के खिलाफ है इस मामले में कुछ और लोगों की गिरफ्तारी भी की जा सकती है.