कोविड की वर्तमान लहर में संक्रमणों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि के साथ ही दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर प्राइवेट जेट और चार्टर्ड फ्लाइटों की संख्या में भी दोगुनी वृद्धि हो गई है. आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल सितंबर में निजी विमानों एवं चार्टर्ड फ्लाइटों के लिए अलग से general aviation (GA) terminal खुला था, इसके बाद से इस टर्मिनल पर विमानों की संख्या में 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. कुछ समय पहले तक यहां से 20 निजी फ्लाइटों की आवाजाही रोजाना होती थी लेकिन अब 35 प्राइवेट जेट या चार्टर्ड फ्लाइटों की आवाजाही रोजाना हो रही है. इसका मतलब है कि शुरुआत के बाद से अब तक इन फ्लाइटों की संख्या में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
एयर एंबुलेंस की सबसे ज्यादा वृद्धि
हालांकि निजी विमानों की आवाजाही जो बढ़ रही है, वह बहुत ज्यादा खुशी की बात नहीं है. इसका कारण यह है कि कोरोना महामारी के दौरान एयर एंबुलेंस का आवाजाही में आसामान्य रूप से बढोतरी हुई है. इसके अलावा कई देशों से विमानों का आवागमन बंद है जिसके कारण निजी विमानों का चलन बढ़ा है. दूसरी तरफ कोरोना महामारी के कारण सार्वजनिक विमानों में हाइजीन की चिंता के बाद रईस लोग निजी विमानों से ही आना-जाना बेहतर समझते हैं. इस कारण भी इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर निजी विमानों की आवाजाही बढ़ी है.
1000 से ज्यादा निजी विमानों की आवाजाही
गौरतलब है कि देश में लॉकडाउन लगने के बाद कई महीनों तक विमानों का परिचालन मामूली रहा. लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे विमानों को परिचालन के लिए छूट दी गई. हालांकि अंतरराष्ट्रीय और घरेलू पैसेंजरों की संख्या इतनी कम है कि दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट को अपने सभी पैसेंजरों को एक ही टर्मिनल पर शिफ्ट करना पड़ा. दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में भारत का पहला general aviation (GA) terminal खोला गया है जहां अप्रैल से रोजाना 35 प्राइवेट एयरक्राफ्ट का संचालन हो रहा है जबकि इससे पहले 24 एयरक्राफ्ट का संचालन रोजाना किया जाता था. दिल्ली एयरपोर्ट के इस टर्मिनल पर पिछले महीने 1000 से ज्यादा निजी विमानों की आवाजाही हुई.
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