Artificial Intelligence: अगर आप टेक्नोलॉजी के शौकीन हैं तो चैट जीपीटी (Chat GPT) का नाम जरूर सुना होगा. नहीं भी सुना हो तो कोई बात नहीं, हम आपको बता देते हैं. चैट जीपीटी एक डीप मशीन लर्निंग बॉट है. यानी यह आपके सवालों का जवाब देता है और हर सवाल के बाद सीखता भी है. टेक वर्ल्ड में इस तकनीक की जबरदस्त चर्चा है. कहा जा रहा है कि यह तकनीक भविष्य में गूगल के सर्च इंजन को खत्म कर सकती है, लेकिन इसकी शुरुआत के साथ ही इसके साथ एक विवाद जुड़ गया है. विवाद भी ऐसा कि यह तकनीक हिंदू धर्म का अपमान करती है.


चैट जीपीटी पर आरोप है कि इस तकनीक को इस तरह से डिजाइन किया गया है जिससे यह हिंदू धर्म को अपमानित करती है. यह तकनीक हिंदू धर्म को कैसे निशाना बनाती है, यह समझने से पहले जरा इस तकनीक को जान लेते हैं.


आपके हर सवाल का जवाब
Chat GPT में चैट का मतलब तो हर कोई जानता ही है. दो लोगों के बीच की बातचीत, जैसे आप अपने किसी दोस्त से व्हाट्सएप चैट करते हैं. यहां पर जीपीटी का मतलब है- जेनरेटेड प्री-ट्रेंड ट्रांसफॉर्मर. गूगल सर्च इंजन की तरह इसके पास भी आपके हर सवाल का जवाब है. आप इससे कोई सवाल कीजिए, आपको एकदम सही जवाब मिलेगा, लेकिन इसे गूगल सर्च इंजन समझने की भूल न कीजिए. यह बहुत आगे की चीज है. जरा आसानी से समझते हैं.


गजब है चैट जीपीटी
मान लीजिए कि आपको ऑफिस से छुट्टी चाहिए. बॉस को अर्जी देनी है. कुछ मत कीजिए चैट जीपीटी पर जाइए, निर्देश दीजिए. अगले पल आपकी एप्लीकेशन तैयार है. इसी तरह होमवर्क करना हो, सवाल बताइए, जवाब हाजिर मिलेगा. ये तो हुए छोटे काम, आपको किसी विषय पर कहानी लिखनी है, या फिर पेपर लिखना है. चैट जीपीटी वो भी तैयार कर रहा है. कल को आपके पसंदीदा लेखकों की रचनाएं अलग तरीके से आपके सामने पढ़ने को चैट जीपीटी दे दे तो आश्चर्य मत कीजिएगा. 


कैसे कर रही धर्म का अपमान?
अब फिर लौटते हैं उस सवाल पर कि यह हिंदू धर्म को कैसे अपमानित कर रही है. DNA की रिपोर्ट के मुताबिक, जब हिंदू धर्म के बारे में सवाल किया जाता है तो यह अपमानजक जवाब देती है. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित चैट जीपीटी सिर्फ धर्म के बारे में ही नहीं, हिंदू देवी देवताओं जैसे कि श्रीराम, लक्ष्मण, सीता और रामायण जैसे ग्रंथों पर मजाक भी करती है. आप सोच रहे होंगे कि यह तकनीक शायद सभी धर्मों का मजाक उड़ाती है तो ऐसा नहीं है. दूसरे धर्मों जैसे कि इस्लाम या ईसाइयत पर मजाक को लेकर इससे पूछिए तो चैट जीपीटी माफी मांगते हुए कहता है कि यह धार्मिक भावनाओं को आहत करता है. यानी इसका डिजाइन ऐसा है कि हिंदू धर्म पर तो यह मजाक की अनुमति देता है लेकिन दूसरे धर्मों पर चुप्पी साध लेता है.


तो समझ में आ गया होगा कि चैट जीपीटी किस तरह से भेदभाव को बढ़ावा दे रही है. चैट जीपीटी को लॉन्च हुए 2 महीने से ज्यादा बीत चुके हैं लेकिन अभी तक इसे ठीक नहीं किया गया है. 


दो महीने पहले किया गया था लॉन्च
लॉन्च होने के बाद से ही चैट जीपीटी को लेकर लोगों में जबरदस्त क्रेज रहा. लॉन्चिंग के कुछ ही दिनों में चैट जीपीटी के यूजर 10 लाख पार कर गए थे. कई लेखकों ने इसकी मदद से अपनी किताब पूरी कर डाली. वेबसाइट कोडिंग से लेकर कार्टून तक बनाए गए हैं. AI आधारित तकनीक ने महज कुछ घंटे के भीतर ये सब किया है.


धार्मिक भावना आहत करने पर कानूनी विकल्प
चैट जीपीटी के धार्मिक भावना आहत करने पर क्या कानूनी विकल्प हैं, चैट जीपीटी एक प्रोग्राम है, प्रोग्राम के खिलाफ कोई कार्रवाई कैसे होगी? कानूनी जानकारों की मानें, चूंकि किसी भी धार्मिक भावना को आहत करने के लिए मशीन या आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. ऐसे में इसे बनाने वाली कंपनी के खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है. यही नहीं, इस प्रोग्राम को प्रतिबंधित भी किया जा सकता है.