रायपुर: छत्तीसगढ़ के सुकमा में एक दर्दनाक नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए हैं. इस नक्सली हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इन जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी.


सुकमा हमले से जुड़ी बड़ी बातें


नक्सलियों के गढ़ सुकमा में 25 सीआरपीएफ जवानों की शहादत के पीछे कुख्यात नक्सली नेता हिड़मा का हाथ बताया जा रहा है. हिड़मा ने तीन सौ के करीब नक्सलियों के साथ मिलकर इस हमले को अंजाम दिया. सीआरपीएफ पोजीशन लेकर बैठी थी कि तभी अचानक फायर किया गया. सूत्रों के मुताबिक नक्सली संगठन, पीपुल्स लिबरेशन ऑफ गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) ने इस हमले को अंजाम दिया.


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कौन हमले के पीछे?


नक्सली संगठन बुरकापाल और चिंतागुफा इलाकों में बेहद सक्रिय है. पीएलजीए की पहली बटालियन (पीएलजीए-1) का मुखिया हिडमा है. 25 साल का हिड़मा सुकमा के पालोडी गांव का रहने वाला है. हिड़मा को घात लगाकर हमला करने का मास्टर माना जाता है.


हिडमा और उसकी पीएलजीए1 बटालियन पिछले कुछ सालों में सीआरपीएफ पर यहां पर कई बड़े हमले कर चुका है. जैसे दंतेवाड़ा के ताड़मेटला में 2010 में एक हजार नक्सलियों ने 76 जवानों की हत्या की थी. दरभा के झीरम घाटी में 23 मई 2013 को नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला कर कांग्रेस के बड़े नेताओं समेत 31 लोगों की हत्या कर दी थी.


वहीं एक बार फिर CRPF के जवान साजिश का शिकार हुए हैं. सीआरपीएफ के इन जवानों को नक्सलियो ने घात लगाकर निशाना बनाया.


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कब हुआ हमला?


दोपहर के 12.30 बजे सुकमा के चिंतागुफा के पास काला पत्थर इलाके में जब ये हमला हुआ उस वक्त CRPF की 74वीं बटालियन के जवान सड़क बनाने के काम में लगे मजदूरों की सुरक्षा में तैनात थे. सीआरपीएफ जवान शेर मोहम्मद ने कहा, "वहां पर सड़क निर्माण का कार्य चल रहा था, सीआरपीएफ प्रोटेक्शन दे रही है वहां पर. हम सुबह हम लगभग 5 बजे के निकले हुए थे और हमें सूचना मिली थी कि सड़क निर्माण का काम कराना है वहां प्राइवेट लेबर काम कर रहे थे. हम लोग वहां पर लेबर से काम करा रहे थे. नक्सलियों ने पहले गांववालों को भेजा हमारी लोकेशन चेक करने के लिए. गांववालों के हाथ में हथियार नहीं थे. हम गोली कैसे मारें, बाकी उनके बाद में नक्सलियों ने जो करीब 300 की संख्या में थे, ब्लैक यूनिफॉर्म में थे सभी उन्होंने हमारे ऊपर अंधाधुंध फायर किया."


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कैसे हुई गोलियों की बरसात?


300 से ज्यादा नक्सलियों ने अचानक सीआरपीएफ के करीब 150 जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी. सीआरपीएफ की तरफ से इसका मुंहतोड़ जवाब दिया गया. सीआरपीएफ के घायल जवान सौरभ मलिक ने कहा, "हम लोग पोजीशन लेकर बैठे थे, उसके बाद अचानक फायर आया तो हम लोग भी फायर करने लगे, फायर करते करते आगे बढ़े. हम से उनकी तादाद ज्यादा थी, घेरने के चक्कर में थे वो."


घायल जवानों के मुताबिक नक्सलियों ने फायरिंग के साथ साथ रॉकेट लांचर भी चलाए.


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बहुत दुखद घटना


इस पूरे मामला में पर केंद्रीय  राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "ये बहुत दुखद घटना है, रिएक्शन तभी देंगे जब पूरी जानकारी प्राप्त होगी."


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नक्सली हमले के बाद एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर की मदद से घायलों को रायपुर और जगदलपुर के अस्पताल पहुंचाया गया. साथ ही सीआरपीएफ के कोबरा कमाडों की टीम ने करीब 7 घंटे तक तलाशी अभियान चलाया. कल देर रात छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह ने इमरजेंसी मीटिंग बुला कर हालात का जायजा लिया. वहीं केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पूरे हालात से पीएम नरेंद्र मोदी को अवगत कराया. राजनाथ सिंह हालात का जायजा लेने आज रायपुर भी जाएंगे.