रायपुर: सुकमा में 25 सीआरपीएफ जवानों की शहादत के पीछे खुफिया विभाग की बड़ी चूक सामने आ रही है. सूत्रों के मुताबिक 45 दिन पहले हुए हमले के बाद भी सबक नहीं सीखा गया जिसका खामियाजा जवानों को उठाना पड़ा. नक्सली बेल्ट में सड़क बनवाने की कीमत जवानों को जान देकर चुकानी पड़ी.
गृहमंत्रालय के सूत्रों से ABP न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक नक्सली हमले के बारे में पहले से खुफिया इनपुट नहीं था. मार्च 11 को भी इसी इलाके में सीआरपीएफ जवानों पर हमला हुआ था लेकिन बावजूद इसके पुलिस और सीआरपीएफ जवानों को नक्सलियों के हमले की साजिश की भनक तक नहीं लगी. गृहमंत्रालय इसे खुफिया तंत्र की बड़ी चूक मान रहा है. 45 दिनों में इसे लेकर कोई इनफुट नहीं है. इस ममाले को समीक्षा के लिए भेजा गया है. वहीं सीआरपीएफ के डीजी को कहा गया है कि वे मामले को लेकर रिपोर्ट सौंपे.
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25 सीआरपीएफ जवानों की शहादत के पीछे खुफिया विभाग की बड़ी चूक!
जानकार मान रहे हैं कि नक्सिलयों ने हमला करके अपना शक्ति प्रदर्शन किया है. माना ये भी जा रहा है कि केंद्रीय बलों और राज्य पुलिस में भी समन्वय नजर नहीं आ रहा है. बड़ा सवाल ये पूछा जा रहा है कि तीन सौ नक्सलियों के इकट्ठा होने, उनके मूवमेंट और साजिश रचने की जानकारी आखिर खुफिया विभाग की नजरों से छिपी कैसे रह गई. इस साजिश की जानकारी सीआरपीएफ तक कैसे नहीं पहुंचा गई.
बताते चलें कि छत्तीसगढ़ के सुकमा में एक दर्दनाक नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 25 शहीद हो गए हैं. इस नक्सली हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इन जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी.
सुकमा हमले से जुड़ी बड़ी बातें
नक्सलियों के गढ़ सुकमा में 25 सीआरपीएफ जवानों की शहादत के पीछे कुख्यात नक्सली नेता हिड़मा का हाथ बताया जा रहा है. हिड़मा ने तीन सौ के करीब नक्सलियों के साथ मिलकर इस हमले को अंजाम दिया. सीआरपीएफ पोजीशन लेकर बैठी थी कि तभी अचानक फायर किया गया. सूत्रों के मुताबिक नक्सली संगठन, पीपुल्स लिबरेशन ऑफ गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) ने इस हमले को अंजाम दिया है.
मैप पर ये नक्सली संगठन बुरकापाल और चिंतागुफा इलाकों में बेहद सक्रिय है. पीएलजीए की पहली बटालियन (पीएलजीए-1) का मुखिया हिडमा है. 25 साल का हिड़मा सुकमा के पालोडी गांव का रहने वाला है. हिड़मा को घात लगाकर हमला करने का मास्टर माना जाता है. हिडमा और उसकी पीएलजीए1 बटालियन पिछले कुछ सालों में सीआरपीएफ पर यहां पर कई बड़े हमले कर चुका है.