सुकमा हमला: शहीदों को वाराणसी में दी गई श्रद्धांजलि, दशाश्वमेघ पर 501 दीप जलाए गए
नई दिल्ली/वाराणसी: सुकमा के शहीदों को वाराणसी में श्रद्धांजलि दी गई. यहां पर दशाश्वमेघ घाट पर हर रोज होनेवाली गंगा आरती से पहले लोगों ने दो मिनट मौन रहकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. शहीदों के सम्मान में घाट पर 501 दीप भी जलाए गये.
वाराणसी के दशाश्वमेघ घाट पर सुकमा के शहीदों को जब श्रद्धांजलि दी जा रही थी, तब पूरा माहौल गमगीन था. गंगा आरती से पहले दो मिनट तक सब मौन रहे, उसके बाद सबने शहीदों को नम आंखों से याद किया.
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कल की गंगा आरती भी शहीद जवानों को समर्पित की गई. सुकमा के शहीदों के सम्मान में दशाश्वमेघ घाट पर 501 दिये जलाकर लिखा गया था-सीआरपीएफ के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि.
छत्तीसगढ़ के सुकमा में एक दर्दनाक नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 25 शहीद हो गए हैं. इस नक्सली हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इन जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी.
सुकमा हमले से जुड़ी बड़ी बातें
नक्सलियों के गढ़ सुकमा में 25 सीआरपीएफ जवानों की शहादत के पीछे कुख्यात नक्सली नेता हिड़मा का हाथ बताया जा रहा है. हिड़मा ने तीन सौ के करीब नक्सलियों के साथ मिलकर इस हमले को अंजाम दिया. सीआरपीएफ पोजीशन लेकर बैठी थी कि तभी अचानक फायर किया गया. सूत्रों के मुताबिक नक्सली संगठन, पीपुल्स लिबरेशन ऑफ गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) ने इस हमले को अंजाम दिया है.
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25 सीआरपीएफ जवानों की शहादत के पीछे खुफिया विभाग की बड़ी चूक! सुकमा नक्सली हमला: 25 CRPF जवानों की शहादत के पीछे कौन? कौन है हिड़मा?मैप पर ये नक्सली संगठन बुरकापाल और चिंतागुफा इलाकों में बेहद सक्रिय है. पीएलजीए की पहली बटालियन (पीएलजीए-1) का मुखिया हिडमा है. 25 साल का हिड़मा सुकमा के पालोडी गांव का रहने वाला है. हिड़मा को घात लगाकर हमला करने का मास्टर माना जाता है. हिडमा और उसकी पीएलजीए1 बटालियन पिछले कुछ सालों में सीआरपीएफ पर यहां पर कई बड़े हमले कर चुका है.