ABP News e Shikhar Sammelan: कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहे देश के मुद्दों पर एबीपी न्यूज़ ने e-शिखर सम्मेलन आयोजित कराया है और इसमें कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों से लेकर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी हिस्सा लिया है. सभी ने जानकारी दी है कि कोरोना से लड़ने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं और आगे की क्या योजना है.


छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल
एबीपी न्यूज के e-शिखर सम्मेलन' में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोरोना के 40 मरीज हैं लेकिन राज्य में इस महामारी को नियंत्रित करने के प्रयास किए गए हैं और राज्य में कोरोना वायरस से एक भी मौत नहीं हुई है. इसको लेकर राज्य सरकार केंद्र सरकार के एलानों से पहले ही सजग हो गई थी. कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं का इसमें पूरा सहयोग मिला और राहुल गांधी के दिशानिर्देशों का पूरा सहयोग मिला.


राज्य सरकार पहले से ही सजग थी
भूपेश बघेल ने कहा कि हमने कोरिया के थ्री टी मॉडल को अपनाया और जितने लोग विदेश से आए थे सबको ट्रेस किया और उन्हें होम आईसोलेशन में रखा. जिन्हें लक्षण नहीं थे लेकिन उनकी विदेश की ट्रेवल हिस्ट्री थी उन्हें भी होम क्वॉरन्टीन किया गया. राज्य सरकार ने भारत सरकार के आदेशों के भी पहले फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन किया और सोशल डिस्टेंसिंग का तो पालन किया गया ही था.


कोरोना को नियंत्रित करने में सफलता मिली
राज्य में युद्धस्तर पर तैयारियां की गईं और इसका फायदा छत्तीसगढ़ को मिला. हमारी सरकार ने जो सर्कुलर जारी किया था उसमें कहा गया था कि पूरे प्रदेश में एक प्रकार की व्यवस्था रही है और साफ-सफाई, फिजिकल डिस्टेंसिंग, ट्रेस, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट के थ्री-टी मॉडल को अपनाकर राज्य में कोरोना को नियंत्रित करने में काफी हद तक सफलता मिली.


छत्तीसगढ़ के मजदूरों के लिए कदम उठाने की जरूरत
छत्तीसगढ़ के हजारों मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं और राज्य सरकार अन्य राज्यों के साथ मिलकर अपने श्रमिकों, मजदूरों के लिए सारे प्रंबंध करने के लिए काम कर रही है. हालांकि मैं इस बात का पक्षधर हूं कि बहुत दिनों तक लोगों को उनके घरों से दूर नहीं रखा जा सकता. लिहाजा सरकार से अनुरोध है कि इनके लिए स्पेशल ट्रेनें चलाने की इजाजत दी जाए. बसों के जरिए सुदूर राज्यों से मजदूरों, कामगारों को बुलाना संभव नहीं है.


पंजाब को लेकर छत्तीसगढ़ के सीएम ने कहा कि वहां लोगों के क्वॉरन्टीन के पर्याप्त इंतजाम होने चाहिए थे. ये बहुत जरूरी है कि बाहर से लोग आएं तो तुरंत क्वॉरन्टीन में जाएं.


राज्य में फंसे लोगों को दिक्कत नहीं होने दी गई
छत्तीसगढ़ में जो मजदूर फंसे हुए हैं उन सबको राज्य सरकार ने चिन्हित कर लिया है. उनके घरों, पते आदि का पता लगा लिया गया है और लॉकडाउन खुलने से पहले या बाद में उन्हें घर भिजवाने की व्यवस्था पर सरकार काम कर रही है. उनके लिए भोजन, रहने की व्यवस्था सरकार ने बखूबी कर दी है और छत्तीसगढ़ में
फंसे लोगों को दिक्कत नहीं होने दी जा रही है.


छत्तीसगढ़ मॉडल को केंद्र सरकार ने सराहा
भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मॉडल को केंद्र सरकार ने माना है और इसका फायदा भी देखने को मिला है. छत्तीसगढ़ में जितने भी 28 जिले हैं उनमें से अधिकांश जिले यानी 26 ग्रीन जोन में हैं और राज्य सरकारों को अपने यहां की स्थिति के आधार पर फैसला लेने की स्वायत्तता दी जानी चाहिए.


राज्य सरकार को मिले ज्यादा अधिकार
राज्य सरकार बेहतर जानती है कि किस जगह छूट दी जानी चाहिए, कहां औद्योगिक गतिविधियां शुरू की जा सकती हैं, कहां उत्पादन शुरू किया जा सकता है, ये सब राज्य सरकार बेहतर तरीके से जानती है तो लॉकडाउन खोले जाने से जुड़े फैसले लेने का अधिकार राज्य सरकार को दिया जाना चाहिए.


छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने रिकॉर्ड धान की खरीदारी की है और किसानों को उनका पैसा दिया जा रहा है. राज्य के किसानों और दिहाड़ी मजदूरों, श्रमिकों और मजदूरों के हितों को पूरी तरह संरक्षित किया जा रहा है और राज्य सरकार ने इस महामारी का सामना बहुत बेहतर तरीके से किया है.


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