देश की आजादी के अहम घटनाक्रम में चौरी चौरा कांड को भुलाया नहीं जा सकता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज चौरी चौरा कांड के शताब्दी वर्ष समारोह का ऑनलाइन उद्घाटन करेंगे. उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़ेंगी. मुख्य समारोह स्थल चौरी चौरा पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मौजूद रहेंगे.
जानें क्या है चौरी चौरा कांड का इतिहास
4 फरवरी 1922 को गोरखपुर के चौरी चौरा में घटी हिंसा ने महात्मा गांधी को आहत कर दिया था. हिंसा से दुखी होकर उन्होंने असहयोग आन्दोलन को वापस ले लिया. घटना के समय महात्मा गांधी का असहयोग आंदोलन पूरे उफान पर था. आज ही के दिन आजादी के वीर जवानों ने अंग्रेजी हुकूमत से भिड़ंत के बाद पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया. दरअसल, चौरी चौरा में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा था. आंदोलकारियों के चौरी चौरा पहुंचने पर भीड़ बेकाबू हो गई. बेकाबू भीड़ ने बिट्रिश सरकार की एक पुलिस चौकी में आग लगा दी.
इस घटना में 11 सत्याग्रही शहीद हो गए, जबकि 22 पुलिस कर्मियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. घटना के बाद अंग्रजों ने करीब 19 क्रांतिकारियों को फांसी की सजा सुनाई. आजादी के इतिहास में क्रांतिकारियों के अमूल्य बलिदान को याद करते हुए आज उन्हें देशभर में श्रद्धांजलि दी जा रही है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे और शहीदों की याद में डाक टिकट जारी किया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर चौरी चौरा के शहीदों और परिजनों का सम्मान किया जाना है.
शताब्दी वर्ष समारोह एक साल तक उत्तर प्रदेश में चलेगा
माध्यमिक शिक्षा विभाग यूपी बोर्ड के पाठयक्रम में भी चौरी चौरा की घटना को शामिल करने जा रहा है. चौरी चौरा समारोह में वंदे मातरम् गायन का विश्व रिकॉर्ड बनाने की भी तैयारी है. पूरे प्रदेश में तय समय पर करीब 30 हजार लोग एक साथ वंदे मातरम् गायन करेंगे. चौरी चौरा कांड का शताब्दी वर्ष समारोह एक साल तक उत्तर प्रदेश भर के शहीद स्मारकों पर मनाया जाएगा. छात्र-छात्राओं के बीच निबंध, चित्रकला व पोस्टर, क्विज, स्लोगन, कविता लेखन व भाषण प्रतियोगिताएं भी कराई जाएंगी.
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