(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
अब प्लाज्मा डोनेशन के नाम पर चीटिंग, दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष के साथ हुआ फर्जीवाड़ा, आरोपी गिरफ्तार
कोरोना बीमारी के गंभीर मरीजों के इलाज में प्लाज्मा डोनेशन काफी फायदेमंद साबित हुई है. हाल ही में दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को भी प्लाज्मा थेरेपी दी गई थी.
नई दिल्ली: कोरोना महामारी का प्रकोप बेहद तेजी से बढ़ रहा है. दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या हर दिन बढ़ रही है. इस बीमारी में गंभीर हालात में पहुंच गए मरीजों के लिए प्लाज्मा थेरेपी काफी फायदेमंद साबित हुई है. हाल ही में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की भी तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद उन्हें प्लाज्मा थेरेपी दी गई थी. लेकिन अब इस प्लाज्मा थेरेपी के नाम पर भी फर्जीवाड़े के मामले सामने आने लगे हैं.
पुलिस ने दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से प्लाज्मा थेरेपी के लिए प्लाज्मा डोनेशन के नाम पर चीटिंग करने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक आरोपी का नाम अब्दुल करीम है और वह दिल्ली के पुल प्रह्लाद पुर इलाके का रहने वाला है.
कैसे हुई धोखाधड़ी दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल की शिकायत के मुताबिक उनके एक दोस्त अमित शोरेवाला के पिता कोरोना संक्रमण का शिकार हो गए थे. तबीयत ज्यादा खराब होने पर प्लाज्मा थेरेपी की जरूरत थी.
अमित शोरेवाला ने जब राम निवास गोयल को प्लाज्मा की जरूरत की बात बताई. गोयल ने प्लाज्मा थेरेपी के लिए प्लाज्मा की जरूरत की जानकारी एक सोशल मीडिया ग्रुप में डाल दी. जहां से राम निवास गोयल को उनके भतीजे से आरोपी का नंबर मिला. जिसने अपना नाम राहुल ठाकुर बताया था.
विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने जब आरोपी से बात की तो उसने प्लाज्मा डोनेशन के नाम पर 950 रुपये गूगल पे के जरिए अपने अकाउंट में डलवा लिए और फिर अपना फोन बंद कर दिया.
क्या होती है प्लाज्मा थेरेपी कोविड-19 के लिए प्लाज्मा थेरेपी काफी इफेक्टिव साबित हुई है. दरअसल इस बीमारी से ठीक होने के बाद कहा जाता है की उस इंसान के अंदर इस वायरस को बेअसर करने वाली प्रतिरोधी क्षमता एन्टी बॉडीज विकसित हो जाती है और उस शख्स के खून से प्लाज्मा थेरेपी देकर दूसरे कोविड पेशेंट को बचाया जा सकता है.
अब्दुल करीम ने भी बताया था की वो कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुका है. पुलिस अब इस जांच में जुटी है की आखिरकार अब्दुल ने इस तरीके से कितने लोगों को अपना शिकार बनाया था. पुलिस को शक है की ये एक संगठित गिरोह हो सकता है जो इस महामारी में लोगो को इस तरह लूट रहा है.
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