(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Namibian Cheetah Died: कुनो में नामीबिया से लाई गई मादा चीते की मौत, कई दिनों से थी बीमार
Kuno National Park Cheetah Death: नामीबिया से लाई गई साशा नाम की मादा चीता बीमार थी. साशा को चीतों के पहले जत्थे में बीते साल भारत लाया गया था.
Kuno National Park Namibian Cheetah Death: देश में चीतों की आबादी को पुनर्जीवित करने की उम्मीदों को एक बड़ा झटका लगा है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के श्योपुर कुनो में सोमवार (27 मार्च) को एक चीते की मौत हो गई. नामीबिया (Namibia) से लाई गई मादा चीता कई दिनों से बीमार थी. साशा (Sasha) नाम की चीता की किडनी खराब होने से सोमवार सुबह मौत हुई है.
कूनो नेशनल पार्क की ओर से कहा गया कि 22 तारीख को मादा चीता साशा को मॉनिटरिंग टीम ने सुस्त पाया था. जांच करने पर पाया कि उसे इलाज की जरूरत है जिसके बाद उसे क्वारंटीन बाड़े में लाया गया. उसके ब्लड सैंपल की जांच से पता चला कि उसके गुर्दों में संक्रमण है. आगे की जांच में पता चला कि साशा को गुर्दे की बीमारी भारत लाने से पहले से ही थी. इलाज के दौरान साशा की मौत हो गई.
अफ्रीका से चीते लाए गए थे भारत
अफ्रीका से चीतों के दो जत्थे भारत आए थे. पहला जत्था पिछले साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के अवसर पर नामीबिया से आया था. इस जत्थे में साशा समेत आठ चीते थे जिन्हें कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था. इसके बाद बीते फरवरी के महीने में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों का दूसरा जत्था भारत आया था. इन 12 चीतों में सात नर और पांच मादा शामिल थीं. इन्हें भी कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था.
साशा चीता की मौत
साशा बाकी चीतों के साथ-साथ भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) और मध्य प्रदेश वन विभाग के कर्मचारियों की देखरेख में भारत में अपने नए घर को अच्छी तरह से अपना रही थी. साशा की मौत न केवल परियोजना के लिए एक झटका है बल्कि देश की जैव विविधता के लिए भी एक बड़ा नुकसान है. साशा की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए अधिकारी जांच कर रहे हैं. साशा 5.5 साल की मादा नामीबियाई चीता थी. साशा 2017 के अंत में पूर्व-मध्य नामीबिया के एक शहर गोबाबिस के पास एक खेत में मिली थी.
कुनो में बसाए गए चीते
दरअसल, दक्षिण अफ्रीका और भारत ने अफ्रीकी देश से चीतों को लाने के लिए बीते साल एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था. इसके बाद चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो में बसाया गया था. दुनिया के ज्यादातर चीते दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और बोत्सवाना में हैं. चीतों की सबसे ज्यादा आबादी नामीबिया में है. भारत में आखिरी चीता 1948 में छत्तीसगढ़ के कोरैया जिले के साल वन में मृत मिला था.
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