सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (30 जुलाई, 2024) को दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें मशहूर शेफ कुणाल कपूर को क्रूरता के आधार पर पत्नी से तलाक की अनुमति दे दी थी. कुणाल कपूर को उनकी पत्नी की ओर से दायर एक याचिका पर नोटिस जारी करते हुए जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एस वी एन भट्टी ने समझौते की गुंजाइश तलाशने के लिए मामले को सुप्रीम कोर्ट के मध्यस्थता केंद्र के पास भेज दिया है.


हाईकोर्ट ने कुणाल कपूर को तलाक की अनुमति देते हुए कहा था कि उनके महिला का आचरण गरिमा पूर्ण नहीं है. हाईकोर्ट ने तलाक से इनकार करने के फैमिली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली कुणाल कपूर की अपील को स्वीकार कर कहा था कि यह कानून की भलीभांति स्थापित स्थिति है कि सार्वजनिक रूप से जीवनसाथी के खिलाफ लापरवाहीपूर्ण, अपमानजनक और निराधार आरोप लगाना क्रूरता के समान है.


हाईकोर्ट ने कहा था, 'तथ्यों से हमें पता चला है कि प्रतिवादी (पत्नी) का अपीलकर्ता (पति) के प्रति आचरण ऐसा रहा है कि वह उनके प्रति गरिमा और सहानुभूति वाला नहीं है.' उन्होंने कहा, 'अगर एक जीवनसाथी का दूसरे के प्रति इस तरह का स्वभाव है तो यह विवाह की मूल भावना का ही निरादर करता है और इस बात का कोई संभावित कारण नहीं है कि उन्हें एक साथ रहते हुए लंबे समय तक यातना सहने के लिए बाध्य क्यों होना चाहिए.'


कुणाल कपूर की शादी अप्रैल 2008 में हुई थी और उनकी पत्नी ने 2012 में एक बेटे को जन्म दिया था. टेलीविजन शो मास्टर शेफ में जज रह कुणाल कपूर ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि उनकी पत्नी ने कभी उनके माता-पिता का सम्मान नहीं किया और उन्हें भी अपमानित किया. दूसरी तरफ महिला ने उन पर अदालत को गुमराह करने के लिए झूठे आरोप लगाने का दावा किया और कहा कि उन्होंने हमेशा अपने पति से जीवनसाथी की तरह बात की और उनके प्रति वफादार थी. उन्होंने आरोप लगाया कि कुणाल ने उन्हें अंधेरे में रखा और तलाक लेने के लिए फर्जी कहानियां गढ़ीं.


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