कोरोना के खिलाफ चल रही इस जंग में अब चेन्नई के स्वास्थ्य कर्मी लोगों के घरों में जाकर वैक्सीन लगाने का क्रिया कर रहे हैं. दरअसल, अनुमति के बाद बुजुर्गों के घरों में जाकर स्वास्थ्य कर्मी टीका लगा रहे हैं.


एक 95 साल के बुजर्ग कृष्णा जी राओ ने बताया कि, "वो और उनकी पत्नी गंगा वैक्सीन के लिए लाइन में खड़े नहीं हो सकते थे जिसके बाद स्वास्थ्य कर्मी उनके घर पहुंचे और उन्हें टीका लगाया." बताया जा रहा है ये अभियान चेन्नई नागरिक निकाय द्वारा चलाया जा रहा है जो बड़ी आबादी को टीका लगाने का उद्देश्य लेकर चल रहा है.


डॉक्टर की निगरानी में लगता टीका


कृष्णा जी राओ ने कहा कि, "ये मेरी उम्र के लोगों के लिए बेहतर है जो घंटो लाइन में खड़े नहीं हो सकते." उन्होंने कहा कि, "मैं बाहर घूमने वालों में से हूं लेकिन कोरोना के चलते मैं बीते एक साल से घर के अंदर बैठने को मजबूर हो गया हूं."


वहीं, अध्यापिका रोली शर्मा ने कहा कि, "अच्छा है हमें बाहर निकले ने की जरूरत नहीं है. स्वास्थ्यकर्मी डॉक्टर्स के साथ आते हैं और उनकी निगरानी में टीका लगाकर चले जाते हैं." रोली शर्मा के पति मनीश का कहना है कि, "ये वाकई एक बेहतर तरीका है साथ ही कोरोना फैलने से रोकने में मददगार साबित होगा."


राज्य की आबादी की केवल 6.5 प्रतिशत लोगों को लगी वैक्सीन


आपको बता दें, तमिलनाडु में दर्ज हुए कोरोना के आंकड़े चन्नई से सबसे अधिक निकल कर आ रहे हैं. कोरोना के इस दूसरी लहर के चलते स्कूल कॉलेज बंद कर दिये गए है. डॉक्टर लोगेश युवराज कहना है कि, "हमारा उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका लगाया जाए." उन्होंने कहा कि, "45 साल से अधिक की उम्र के लोगों पर हमारा खास ध्यान है." वहीं, अब तक चेन्नई की आबादी में केवल 6.5 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन लग चुकी है.


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