Case Against Tamilnadu BJP Caders: तमिलनाडु की चेन्नई पुलिस ने बीजेपी के 3500 नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है. इनके ऊपर बिना अनुमति के कैंडल मार्च निकालने का आरोप है. ये केस आईपीसी के सेक्शन 143, 151 और 41(6) के तहत दर्ज किए गए हैं. चेन्नई पुलिस ने बयान जारी कर इस बारे में जानकारी दी है. 


बीते दिनों तमिलनाडु में सेना के एक जवान की पिटाई के चलते मौत हो गई थी. घटना में राज्य में सत्ताधारी डीएमके के एक काउंसलर का नाम आया था. इसे लेकर तमिलनाडु बीजेपी ने डीएमके सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रहा है. मंगलवार (21 फरवरी) को बीजेपी की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ चेन्नई में डीएमके सरकार के खिलाफ कैंडल लाइट मार्च निकाला.


अन्नामलाई ने बताई कैंडल मार्च की वजह
मामले में एक अंग्रेजी न्यूज चैनल से बातचीत में अन्नामलाई ने कहा कि इस कहानी के सामने आने की जरूरत है. तमिलनाडु के एक छोटे से शहर से आने वाली कहानी, जिसमें एक सेना की जवान की मौत हो गई, दिल्ली और हमारे देश के हर शहर के लिए मायने रखती है.


अन्नामलाई ने आगे कहा कि जिस तरह से हमारे मुख्यमंत्री इस मुद्दे को संभाल रहे हैं, उससे एक तमिल के रूप में मेरा सिर शर्म से झुक गया है. हमने एक सेना के जवान को नीचा दिखाया है. इस घटना से देश को ऐसा संदेश जा रहा है कि तमिलनाडु को इस देश के सैनिकों की परवाह नहीं है. इस कैंडल मार्च के जरिए हम देशवासियों को संदेश दे रहे हैं कि तमिल लोग हमारे सैनिकों का सम्मान करते हैं.


जवान की पिटाई से हुई थी मौत
बीती 8 फरवरी को पोचमपल्ली इलाके में एक पानी की टंकी के पास कपड़े धोने को लेकर विवाद हुआ था. 28 वर्षीय सैनिक प्रभु का परिवार वहां कपड़े धो रहा था. इस दौरान डीएमके पार्षद चिन्नास्वामी का भतीजा भी वहां था. उसने प्रभु के परिवार को वहां से जाने के लिए कहा, जिसे लेकर तीखी कहासुनी हुई थी. उसी रात डीएमके नेता और पार्षद चिन्नास्वामी ने अपने गुर्गों के साथ प्रभु के परिवार पर हमला बोल दिया था. हमले में गंभीर रूप से घायल प्रभु की 14 फरवरी (मंगलवार) को एक निजी अस्पताल में मौत हो गई थी.


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