Chennai News: चेन्नई से अजीबोगरीब जानकारी सामने आई है, यहां एक अस्पताल को एक पीड़ित शख्स को 17 लाख से ज्यादा का मुआवजा देना होगा. कुड्डालोर जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने हाल में चेन्नई के प्राइवेट हॉस्पिटल को एक व्यक्ति को 17.25 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है. जानकारी के मुताबिक युवक की पत्नी की मौत आठ साल पहले अस्पताल की लापरवाही के कारण हो गई थी.
फूल विक्रेता विनोद कुमार ने फरवरी 2014 में अपनी पत्नी वी कलैवानी को मैटरनल डिलीवरी के लिए डब्ल्यूसीएफ अस्पताल में एडमिट कराया था. वहां उसकी मौत हो गई थी. इसके बाद आयोग के अध्यक्ष डी गोपीनाथ और सदस्य वी एन पार्थिबन और टी कलैयारसी ने तमिलनाडु की राज्य चिकित्सा परिषद को भी अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया था.
16 फरवरी 2014 को हो गई थी मृत्यु
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला को डिलीवरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद उसे ब्लीडिंग हुई और उसका बीपी डाउन हो गया. डॉक्टरों ने ब्लीडिंग रोकने के लिए उसका यूट्रस निकाल दिया. हालांकि यूट्रस निकालने के बाद भी ब्लीडिंग नहीं रुकी. इसके बाद डॉक्टरों ने फिर से एक और सर्जरी की. इसके बाद भी उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ और 16 फरवरी 2014 को उसकी मृत्यु हो गई थी. आयोग ने अपनी जांच में पाया कि महिला की मौत अस्पताल में उसकी सही तरीके से देखभाल करने की कमी के कारण हुई थी.
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