चेन्नई: तमिलनाडु में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज होने लगी है. राज्य सरकार ने आज तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के स्मारक का उद्घाटन किया. चेन्नई में मरीना बीच पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलनीसामी ने पूर्व सीएम दिवंगत जे जयललिता के स्मारक का उद्घाटन किया. इस दौरान वहां तमिलनाडु के उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम भी मौजूद रहे.
दिलचस्प बात यह है कि जहां पहले इस स्मारक का उद्घाटन जे जयललिता की जयंती पर यानी 24 फरवरी को होने था. बाद में यह तारीख बदलकर 27 जनवरी कर दी गई. ये वहीं तारीख है जब एआईएडीएमके से निष्कासित शशिकला जेल से रिहा हुई हैं.
शशिकला के जेल से बाहर निकलने के दिन ही जे जयललिता के स्मारक का उद्घाटन किया गया है. इसके अपने राजनीतिक मायने हैं. दरअसल, जयललिता के निधन के बाद शशिकला को एआईडीएमके की कमान सौंपी गई थी. शशिकला को महासचिव बनाया गया था लेकिन बाद में आय से अधिक संपत्ति मामले में शशिकला को 4 साल के लिए जेल जाना पड़ा. उनको एआईएडीएमके से बाहर निकाल दिया गया. इसके बाद पार्टी की कमान पलनीसामी और पन्नीरसेल्वम ने संभाली. ऐसे में अब जयललिता के स्मारक का उद्घाटन जब शशिकला जेल से बाहर निकली, उसी दिन कर यह साबित करने की कोशिश है कि आगामी चुनाव जयललिता के नाम पर लड़ा जाएगा. आज भी जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके ईपीएस और ओपीएस खेमे की है, ना कि शशिकला की.
बता दें कि तीन साल पहले जयललिता के स्मारक की आधारशिला रखी गई थी. आज मुख्यमंत्री पलानीसामी और उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने इस स्मारक का उद्घाटन किया. इस दौरान पन्नीरसेल्वम और विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल भी मौजूद रहे. इसके बाद मुख्यमंत्री पलानीसामी, उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम और विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल ने जयललिता को पुष्पांजलि अर्पित की. जयललिता का ये स्मारक, पार्टी के संस्थापक और दिवंगत मुख्यमंत्री एम जी रामचंद्रन के मरीना बीच पर स्थित स्मारक के पास है. मंत्री, सांसद, विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता भी इस दौरान मौजूद रहे.
'अम्मा' के नाम से लोकप्रिय जयललिता ने 5 दिसंबर 2016 को अंतिम सांस ली. 1948 में पैदा हुईं जयललिता ने 1991 से 2016 के बीच चौदह साल तक पांच बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं. 1982 में जब एमजी रामचंद्रन मुख्यमंत्री थे, जयललिता एआईएडीएमके में शामिल हो गईं, जिस पार्टी की उन्होंने स्थापना की थी.