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Section 377: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चेतन भगत- विविधता को अपनाना ही हर भारतीय की पहचान
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर व्यक्ति को सम्मान से जीने का हक है. सेक्सुअल रुझान प्राकृतिक है और इस आधार पर भेद भाव नहीं हो सकता. ये फैसला आते ही राजनीति से लेकर मनोरंजन जगत की बड़ी हस्तियां इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रही है. जाने माने लेखक चेतन भगत ने इसे बड़ा कदम बताया है.
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 पर फैसला सुनाते हुए आज कहा कि समलैंगिक संबंध अपराध नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर व्यक्ति को सम्मान से जीने का हक है. सेक्सुअल रुझान प्राकृतिक है और इस आधार पर भेद भाव नहीं हो सकता. ये फैसला आते ही राजनीति से लेकर मनोरंजन जगत की बड़ी हस्तियां इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रही है. जाने माने लेखक चेतन भगत ने इसे बड़ा कदम बताया है.
फैसला आते ही चेतन भगत ने ट्वीट किया, ''भारत एक ऐसा देश है जहां पर हर 100 किलोमीटर पर संस्कृति बदल जाती है. विविधता को अपनाना ही हर भारतीय की पहचान है. यही एक तरीका है जिससे भारत फलेगा, फूलेगा और आगे बढ़ेगा. धारा 377 को हटाना इस दिशा में एक बड़ा कदम है.''
इसके साथ ही चेतन भगत ने अपने एक आर्टिकल का लिंक भी ट्वीट किया जिसमें उन्होंने इस मुद्दे को विस्तार से समझाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा-
SC ने आज फैसला सुनाते हुए कहा कि एकांत में सहमति से बने संबंध अपराध नहीं है. लेकिन धारा 377 के अंतर्गत पशु से संभोग अपराध बना रहेगा. पांच जजों की पीठ में सबसे पहले चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने अपना और जस्टिस खानविलकर का फैसला पढ़ा. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने फैसला सुनाते हुए कहा, ''मैं जैसा हूँ, उसे वैसा ही स्वीकार किया जाए, आभिव्यक्ति और अपने बारे में फैसले लेने का अधिकार सबको है.''
चीफ जस्टिस ने कहा, ''समय के साथ बदलाव ज़रूरी है, संविधान में बदलाव करने की ज़रूरत इस वजह से भी है जिससे कि समाज मे बदलाव लाया जा सके. नैतिकता का सिद्धांत कई बार बहुमतवाद से प्रभावित होता है लेकिन छोटे तबके को बहुमत के तरीके से जीने को विवश नहीं किया जा सकता.'' सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''हर व्यक्ति को गरिमा से जीने का हक है, सेक्सुअल रुझान प्राकृतिक है. इस आधार पर भेद भाव नहीं हो सकता. हर व्यक्ति को गरिमा से जीने का हक है. सेक्सुअल रुझान प्राकृतिक है. इस आधार पर भेद भाव नहीं हो सकतानिजता का अधिकार मौलिक अधिकार है, 377 इसका हनन करता है.''
देखिए- सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर क्या है करन जौहर का रिएक्शन
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