मुंबई: बंबई हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में एनसीपी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल को आज जमानत दे दी. न्यायमूर्ति पी एन देशमुख ने हालांकि भुजबल को पांच लाख रुपये का निजी मुचलका भरने का निर्देश दिया. एनसीपी नेता को मार्च , 2016 में गिरफ्तार किया गया था. कोर्ट ने भुजबल को कुछ शर्तों पर जमानत दी. इसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सम्मन पर एजेंसी के समक्ष पेश होने की शर्त भी शामिल है.


खराब स्वास्थ्य का हवावा देते हुए अदालत का किया था रुख


छगन भुजबल ने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत के लिए इस साल जनवरी में अदालत का रुख किया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें हिरासत में रखे जाने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस मामले में पहले ही आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है.


दिसंबर , 2017 में एक विशेष पीएमएलए अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. पूर्व लोक निर्माण मंत्री भुजबल और उनके सहयोगियों पर कथित तौर पर पद के दुरुपयोग और राज्य सरकार को वित्तीय हानि पहुंचाने के खुलासे के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.