नई दिल्ली: आस्था का महापर्व छठ आज बिहार समेत देश के कई राज्यों में मनाया जायेगा. यह पर्व मंगलवार को नहाए-खाए के साथ शुरू हो चुका है और बुधवार को को खरना मनाया गया. गुरुवार यानि आज अस्ताचलगामी (डूबते हुए) सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा, जबकि शुक्रवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का समापन होगा.


इस त्योहार में श्रद्धालु इसके तीसरे दिन डूबते सूर्य को और चौथे व अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्ध्य देते हैं. पहले दिन को ‘नहाय-खाय’ के रूप में मनाया जाता है जिसमें व्रती लोग स्नान के बाद पारंपरिक पकवान तैयार करते हैं. दूसरे दिन को ‘खरना’ कहा जाता है, जब श्रद्धालु दिन भर उपवास रखते हैं, जो सूर्य अस्त होने के साथ ही समाप्त हो जाता है.


उसके बाद वे मिट्टी के बने चूल्हे पर ‘खीर’ और रोटी बनाते है, जिसे बाद में प्रसाद के तौर पर वितरित किया जाता है. पर्व के तीसरे दिन छठ व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य देते हैं. चौथे व अंतिम दिन को पारन कहा जाता है.


इस दिन व्रती सूप में ठेकुआ, सठौरा जैसे कई पारंपरिक पकवानों के साथ ही केला, गन्ना सहित विभिन्न प्रकार के फल रखकर उगते सूर्य को अर्ध्य देते हैं जिसके बाद इस पर्व का समापन हो जाता है. उल्लेखनीय है कि बिहार में छठ सबसे बड़े पर्व के तौर पर श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है.