नई दिल्ली: आज सुबह उगते सूर्य को अर्घ देने के साथ ही छठ का महापर्व समाप्त हो गया. बिहार, झारखंड और यूपी समेत देश के कई हिस्सों में घाटों पर रौनक रही. देश के कई बड़े शहर दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, पटना में लोगों ने बड़ी संख्या में घाटों के किनारे सूर्य को अर्घ दिया और मन्नतें मांगी.
राबड़ी देवी ने पटना में की छठ पूजा
पटना में लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने अपने घर में परिवार के संग छठ पूजा की. पूजा के बाद मीडिया से बाद करते हुए लालू यादव ने कहा कि खुशी है कि छठ का पर्व अब और बड़ा हो रहा है. लालू यादव ने सभी को छठ की शुभकमनाएं दीं. जब पत्रकारों ने नीतीश कुमार और सुशील मोदी को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि इन शुभकामनाओं में सब शामिल हैं.
छठ देखने दापा ने आए सैलानी
छठ के महत्व और उत्साह का अंदाजा आप इसी बात से लगा लकते हैं कि बिहार के गया में छठ पूजा के रीति रिवाज को देखने के लिए जापान से कई सैलानी आए. सभी सैलानियों में छठ के लेकर काफी उत्साह दिखा.
क्या है छठ त्य़ोहार और कैसे होता है पूजन?
इस त्योहार में श्रद्धालु इसके तीसरे दिन डूबते सूर्य को और चौथे व अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्ध्य देते हैं. पहले दिन को ‘नहाय-खाय’ के रूप में मनाया जाता है जिसमें व्रती लोग स्नान के बाद पारंपरिक पकवान तैयार करते हैं. दूसरे दिन को ‘खरना’ कहा जाता है, जब श्रद्धालु दिन भर उपवास रखते हैं, जो सूर्य अस्त होने के साथ ही समाप्त हो जाता है.
उसके बाद वे मिट्टी के बने चूल्हे पर ‘खीर’ और रोटी बनाते है, जिसे बाद में प्रसाद के तौर पर वितरित किया जाता है. पर्व के तीसरे दिन छठ व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य देते हैं. चौथे व अंतिम दिन को पारन कहा जाता है.
इस दिन व्रती सूप में ठेकुआ, सठौरा जैसे कई पारंपरिक पकवानों के साथ ही केला, गन्ना सहित विभिन्न प्रकार के फल रखकर उगते सूर्य को अर्ध्य देते हैं जिसके बाद इस पर्व का समापन हो जाता है.