पटनाः आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत 31 अक्टूबर को नहाय-खाय से होगी. पहले दिन नहाए खाए का व्रत है. आज के दिन व्रति नहाने के बाद भगवान सूर्य की उपासना करते हैं और जल देने के बाद खाना खाते हैं. आज के खान में साधारण नमक का प्रयोग नहीं किया जाता है. चार दिनों तक चलने वाले इस व्रत को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी है.


दूसरे दिन खरना का त्योहार होता है. इस दिन शाम में गुड़ वाली खीर का प्रसाद बनाकर सूर्य देव को भोग लगाया जाता है. भोग के बाद प्रसाद को लोगों के बीच बांट दिया जाता है.


इसके अगले दिन महिलाएं शाम के समय नदी, तलाब या जल में खड़े होकर सूर्य भगवान को अर्घ्य देती हैं. इस दिन ढ़लते सूरज को अर्ध्य दिया जाता है. अगले दिन सुबह का अर्घ्य के साथ ही पूजा का समापन हो जाता है.


अंतिम दिन सूर्योदय से पहले ही नदी या तालाब में खड़ा होकर अर्ध्य दिया जाता है. सूर्य की उपासना के लिए पानी खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद व्रती कुछ खाकर अपना व्रत तोड़ते हैं.


छठ पूजा में महत्वपूर्ण दिन


नहाय-खायः 31 अक्टूबर.


खरनाः 1 नवंबर.


संध्या का अर्घ्यः 2 नवंबर.


सुबह का अर्घ्यः 3 नवंबर.


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