Delhi Chhath Puja Politics: छठ पूजा शुरू हो चुकी है लेकिन छठ पूजा को लेकर राजनीति अभी भी खत्म नहीं हुई है. डीडीएमए की गाइडलाइन के मुताबिक दिल्ली में घाटों पर छठ पूजा नहीं कर सकते हैं, इसके लिए दिल्ली सरकार व्यवस्था करें. जहां बीजेपी छठ पूजा यमुना के घाटों पर कराने की मांग कर रही है और इस फैसले के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार बता रही है वहीं आम आदमी पार्टी सरकार बीजेपी को जिम्मेदार बता रही है. वहीं कांग्रेस के मुताबिक दोनों सिर्फ नूरा कुश्ती कर रहे हैं. पूजा कोई नहीं चाहता है.
बीजेपी और AAP के बीच आरोप प्रत्यारोप
छठ पूजा को लेकर दिल्ली की डीडीएमए ने कुछ दिनों पहले नए गाइडलाइन जारी की जिसके मुताबिक रेवन्यू डिपार्टमेंट को छठ पूजा आयोजन के लिए साइट चिन्हित करने और उसे तैयार करे. यमुना नदी के किनारे पर छठ पूजा के लिए कोई साइट नहीं बनाई जाएगी. इसके बाद ही राजनीति शुरू हो गई. जहां बीजेपी छठ पूजा घाटों पर कराने की मांग करने लगी और इस फैसले के लिए आम आदमी पार्टी सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है. वहीं आम आदमी पार्टी बीजेपी पर राजनीति का आरोप लगा रही है. दोनों इस मुद्दे पर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रहे है. वहीं यमुना में गंदगी और झाग के लिए भी दोनों एक दूसरे पर आरोप लगा रहे है.
बीजेपी सांसद का सीएम केजरीवाल पर आरोप
सोमवार को राजधानी दिल्ली के आईटीओ घाट पर पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा घाट पर सफाई और पूजा करने पंहुचे. उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री डीडीएमए की बैठक में थे उनके सहमति से फैसला हुआ और अब वो बीजेपी पर आरोप लगा रहे है. बीजेपी सांसद मनोज तिवारी भी हमलावर नजर आ रहे हैं और छठ के वक़्त यमुना में गंदगी और झाग के लिए भी केजरीवाल सरकार को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय का पलटवार
वहीं केजरीवाल सरकार में पर्यावरण मंत्री के मुताबिक बीजेपी सिर्फ राजनीति कर रही है और कुछ नहीं. उन्होनें कहा कि डीडीएमए के फैसले को लेकर बीजेपी ने उपराज्यपाल से कोई बात नहीं की. वहीं यमुना में गंदगी भी हरियाणा से जहां बीजेपी की सरकार है वहां बीजेपी के सांसद या नेता नहीं गए. गोपाल राय के मुताबिक दिल्ली सरकार के छठ पूजा आयोजन से बीजेपी वाले बौखला गए हैं इसलिए ये सब कर रहे हैं. मंत्री गोपाल राय ने कहा कि डीडीएमए का निर्णय एलजी साहब लेते हैं, यमुना में जो पानी आता है वह हरियाणा से आता है. हरियाणा में बीजेपी की सरकार है. मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि बीजेपी के नेताओं को अपनी सरकारों से और एलजी से बात करने में क्या तकलीफ है.
कांग्रेस ने भी उठाए सवाल
इस पूरे मामले पर कांग्रेस का कहना है कि दोनो पार्टियां बीजेपी और आम आदमी पार्टी सिर्फ नुरा कुश्ती कर रही है और दोनो ही कुछ नहीं करना चाहते है. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि डीडीएमए की गाइडलाइन का सिर्फ बहाना बनाया जा रहा है जब डीडीएमए के आप मेंबर हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं लेफ्टिनेंट गवर्नर साहब है सिर्फ एक आदेश आता है कि इस बार घाटों पर छठ नहीं मनाने देंगे आप उस समय वहां मौजूद थे आपने तब क्यों नहीं आपत्ति दर्ज कराई फिर आप कहते हैं कि छठ मनाया जाना चाहिए . उन्होंने पूछा कि अरविंद केजरीवाल बताएं कि कितनी स्वच्छ हो पाई दिल्ली के घाट और कितने स्वच्छ हो पाई यमुना. देश के प्रधानमंत्री भी बताएं कि नदियों को लेकर उन्होंने जो एक्शन प्लान बनाया था उससे कितनी नदियां साफ हुई और यमुना कितनी साफ हुई.
फिलहाल छठ पूजा सोमवार से नहाए खाये से शुरू हो गई है. दिल्ली सरकार का दावा है कि इसके लिए दिल्ली के एक हज़ार जगहों पर पूजा करने की व्यस्था की गई है. छठ पूजा को लेकर डीडीएमए की गाइडलाइन पर जमकर बयानबाज़ी और राजनीति इसलिए भी हो रही है क्योंकि अगले साल दिल्ली में नगर निगम के चुनाव है. दिल्ली में पूर्वांचल के लोगों की संख्या बहुत बड़ी है ऐसे में हर पार्टी इनको अपने साथ रखना चाहती है फिर चाहे आम आदमी पार्टी हो बीजेपी हो या फिर कांग्रेस.