Pawan Khera On  Devendra Fadnavis: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में शिवाजी की प्रतिमा ढहने पर सियासी उबाल है. शिवसेना (उद्धव बाल ठाकरे) और एनसीपी सहित तमाम विपक्षी दल इस मुद्दे पर बीजेपी और शिंदे सरकार को घेर रहे हैं. इसी बीच एक बार फिर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के बीच जुबानी जंग देखने को मिली.


न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बयान पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि सिर्फ़ अनपढ़ लोग ही ऐसी बात कर सकते हैं. मुझे उम्मीद थी कि देवेंद्र फडणवीस थोड़े पढ़े-लिखे होंगे. पवन खेड़ा ने आगे कहा कि नेहरू जी ने 1936 में पहले एडिशन के बाद एक पत्र लिखा था. उन्होंने यह तब लिखा था जब वे जेल में थे और उनके पास रिफरेंस मैटेरियल नहीं थी. अगले एडिशन में इसे बदल दिया गया.


जानिए क्या बोले कांग्रेस नेता पवन खेड़ा?


कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि ये वही नेहरु जी हैं, जिन्होंने 1962 में नानासाहेब करमरकर को पद्मश्री से नवाजा था. क्योंकि उन्होंने 1921 से लेकर 1928 तक छत्रपति शिवाजी की बहुत खूबसूरत प्रतिमा बनाई थी. आज भी आप उस प्रतिमा को पुणे के छत्रपति शिवाजी नगर में जाकर देख सकते हैं.






ज़िम्मेदार मंत्री और CM को करें निलंबित- पवन खेड़ा


पीएम मोदी के माफी मांगने वाले बयान पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि पीएम मोदी ने नाराजगी भरे लहजे में माफी मांगी. क्या यह माफी है? और उन्हें जिम्मेदार मंत्री और मुख्यमंत्री को निलंबित करना चाहिए था. उन्हें सजा देनी चाहिए.  


क्या बोले डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस?


महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने की घटना को लेकर रविवार (1 अगस्त) को मुंबई में एमवीए ने विरोध मार्च निकाला. इस दौरान न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह आंदोलन पूरी तरह से राजनीतिक है. महा विकास अघाड़ी हो या कांग्रेस पार्टी, उन्होंने कभी छत्रपति शिवाजी महाराज का सम्मान नहीं किया.


'पूर्व PM नेहरू ने छत्रपति शिवाजी महाराज का किया अपमान'


डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा कि नेहरू जी ने डिस्कवरी ऑफ इंडिया में छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान किया. क्या कांग्रेस और एमवीए इसके लिए माफ़ी मांगेंगे? मध्य प्रदेश में तत्कालीन सीएम कमल नाथ ने छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति को बुलडोजर से गिरा दिया. आजादी के सालों बाद भी, उसी कांग्रेस ने हमें सिखाया कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने सूरत को लूटा. उन्होंने कभी सूरत को नहीं लूटा. सूरत के लोगों ने वहां छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति स्थापित की? क्या कांग्रेस इसके लिए माफ़ी मांगेगी?. 


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