Chhatrapati Shivaji Maharaj Weapon Wagh Nakh in India: महाराज शिवाजी की धरोहर को संभालने में जुटी महाराष्ट्र सरकार को एक बड़ी कामयाबी मिली है. महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने बताया कि मराठा योद्धा राजा शिवाजी की ओर से इस्तेमाल किया गया बाघ के पंजे के आकार का हथियार बुधवार (17 जुलाई 2024) को लंदन के एक संग्रहालय से मुंबई लाया गया. इस हथियार को 'वाघ नख' के नाम से भी जाना जाता है.


सुधीर मुनगंटीवार की मानें तो 'वाघ नख' को पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा में छत्रपति शिवाजी संग्रहालय (संग्रहालय) ले जाया जाएगा, जहां इसे 19 जुलाई यानी शुक्रवार से प्रदर्शित किया जाएगा. लंदन में विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय के साथ हुए समझौते के अनुसार इसे तीन साल तक महाराष्ट्र में प्रदर्शित किया जाएगा.


7 महीने तक सतारा के संग्रहालय में रहेगा यह हथियार


न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में मुनगंटीवार ने कहा कि वाघ नख आ गया है. हालांकि उन्होंने कोई और जानकारी नहीं दी. इससे पहले मंगलवार को महाराष्ट्र के आबकारी मंत्री शंभुराज देसाई ने कहा था कि वाघ नख का सतारा में भव्य स्वागत किया जाएगा. देसाई ने मंगलवार को जिले के छत्रपति शिवाजी संग्रहालय (संग्रहालय) में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की थी. उन्होंने बताया कि हथियार में बुलेटप्रूफ कवर है. हथियार को सात महीने तक सतारा के एक संग्रहालय में रखा जाएगा. देसाई ने कहा, "काफी प्रयासों के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के सफल प्रयासों के कारण वाघ नख को महाराष्ट्र लाया जा रहा है."


क्या है 'वाघ नख' का महत्व?


'वाघ नख' भारत के लाखों लोगों के लिए ऐतिहासिक महत्व रखता है. ऐसा माना जाता है कि शिवाजी ने 1659 में बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान को मारने के लिए 'वाघ नख' का इस्तेमाल किया था. ऐतिहासिक विवरणों के अनुसार, मराठा शासक ने महाराष्ट्र के वर्तमान सतारा जिले में प्रतापगढ़ किले की तलहटी में अफजल खान को मार डाला था. प्रतापगढ़ की लड़ाई में, मराठों ने खान के नेतृत्व वाली आदिलशाही सेना को हराया. यह हत्या इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी क्योंकि इसने शिवाजी को मराठा साम्राज्य के शासन की स्थापना करने में मदद की.


इतिहासकार ने कहा था- हथियार शिवाजी का नहीं


हाल ही में इतिहासकार इंद्रजीत सावंत ने दावा किया था कि लंदन से लाया जा रहा 'वाघ नख' शिवाजी का नहीं था. सावंत ने दावा किया कि शिवाजी की ओर से इस्तेमाल किया गया मूल 'वाघ नख' सतारा में उनके वंशजों के पास था. हालांकि, महाराष्ट्र सरकार ने ऐसे दावों को खारिज कर दिया. महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री मुनगंटीवार ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिवाजी के वाघ नख के बारे में संदेह जताया जा रहा है. हमारे प्रश्नों के उत्तर में, संग्रहालय ने हमें वाघ नख के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए बॉक्स की एक तस्वीर भेजी, जिस पर लिखा है कि यह वही वाघ नख है जिससे शिवाजी ने मुगल सेनापति को मारा था. इस बॉक्स को 1825 में बनाया गया था."


ये भी पढ़ें


डोडा में आतंकी हमले के बाद बड़ा एक्शन! आतंकियों के 4 'मददगार' हुए गिरफ्तार, सर्च अभियान जारी