सुकमा: छत्तीसगढ़ के सुकमा में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 17 जवान शहीद हो गए हैं. शहीद होने वाले जवानों में STF और DRG के जवान शामिल हैं. 12 जवान डीआरजी यानी डिस्ट्रिक्ट रिज़र्व गार्ड के जबकि 5 जवान एसटीएफ यानी स्पेशल टास्क फ़ोर्स के हैं. कल सुबह यानी शनिवार को नक्सलियों की बड़ी संख्या में मौजूदगी की सूचना पर DRG और STF का एक दल सुकमा जिले के मिनपा इलाके में सर्चिंग पर निकला हुआ था. इस दल का निशाना बटालियन नंबर 1 था. जो छत्तीसगढ़ में सबसे ज़्यादा ख़तरनाक बटालियन है. इन्हीं महीनों के बीच में नक्सलियों के द्वारा हर साल बड़े हमले की तैयारी की जाती है. इसके बाद भी छत्तीसगढ़ पुलिस के जवानों ने जंगल में जाकर ऑपरेशन करने का फ़ैसला किया.
सुकमा के कोरजागुड़ा के जंगलों में जवानों का नक्सलियों से सामना हुआ. यहां बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी पहले से थी. दोनों ओर से बहुत देर तक फ़ायरिंग चली. जिस जगह मुठभेड़ हुई वहां घना जंगल है. जवानों को सुरक्षा देने के लिए कोई बैकअप पार्टी तब तक नहीं निकली थी. कई घंटों तक पुलिस ने नक्सलियों का सामना किया. डीजीपी डीएम अवस्थी का दावा है की इस मुठभेड़ में कई नक्सली भी मारे गए हैं. जबकि छत्तीसगढ़ पुलिस के 17 जवान शहीद हुए हैं और 14 घायल हैं. घायल जवानों को इलाज के लिए हेलिकॉप्टर की मदद से कल ही रायपुर पहुंचा दिया गया था.
कौन हैं डीआरजी के जवान
बस्तर के इतिहास में पहली बार DRG यानि कि डिस्ट्रिक्ट रिज़र्व गार्ड के जवानों का इतना बड़ा नुकसान हुआ है. शहीद 17 जवानों में से 12 जवान DRG के हैं. DRG स्थानीय युवकों द्वारा बनाया गया सुरक्षा बलों का एक दल है जो कि नक्सलियों के खिलाफ सबसे अधिक प्रभावी रहा है. अब तक नक्सलियों के ख़िलाफ़ छत्तीसगढ़ में सबसे ज़्यादा सफलता इन्हीं जवानों को मिली है.
घायल जवानों से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और डीजीपी डीएम अवस्थी
रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल में घायल जवानों को इलाज के लिए भर्ती किया गया है. आज सुबह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और डीजीपी डीएम अवस्थी ने अस्पताल पहुंचकर घायल जवानों से मुलाक़ात की. जवानों का हालचाल जाना और मुठभेड़ कैसे हुई, क्या हुआ इसकी भी जानकारी ली. सीएम ने जवानों को भरोसा जताया कि उनके इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी. इस दिशा में सीएम भूपेश बघेल ने अस्पताल प्रबंधन से भी बात की.