नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनाव में 12 नवंबर को पहले चरण का मतदान होगा. राज्य में 18 सीटों पर होने वाले मतदान के लिए आज शाम पांच बजे चुनाव प्रचार थम जाएगा. इन सभी सीटों पर जीत के लिए न सिर्फ कांग्रेस बल्कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी पूरी कोशिश में लगी हुई है. एक तरफ बीजेपी चाहती है कि चौथी बार भी सत्ता की चाबी उसी के पास रहे तो दूसरी ओर कांग्रेस चाहती है कि राज्य की सत्ता से रमन सरकार को उखाड़ फेंकें. यही कारण है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों दल यहां होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत के लिए पूरी कोशिश में दिखाई दे रहे हैं.


साल 2000 में जब छत्तीसगढ़ अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था तब कांग्रेस की ओर से अजित जोगी मुख्यमंत्री थे. लेकिन तीन साल बाद हुए चुनाव में बीजेपी विकास के वादों के साथ विधानसभा चुनाव में उतरी और राज्य की सत्ता से कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंका. रमन सिंह को कुर्सी का कार्यभार दिया गया.


2003 में हुए चुनाव में बीजेपी ने जहां 90 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 50 सीटों पर जीत दर्ज की तो वहीं कांग्रेस ने भी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे जिसमें से उसके 37 विधायक विधानसभा पहुंचे. बीएसपी ने दो सीट और एनसीपी ने एक सीट पर कब्जा जमाया था. हालांकि बीएसपी ने 54 सीटों पर अपने उम्मदीवार खड़े किए थे. वहीं एनसीपी के टिकट पर 89 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई थी.


इस चुनाव में बीजेपी को 39.26 प्रतिशत वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस को 36.71 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे. दो सीटें जीतने वाली बीएसपी को 6.94 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि एक सीट जीतने वाली एनसीपी को 7.09 प्रतिशत वोट हाथ लगे थे.


दूसरे चुनाव में एक बार फिर बीजेपी रमन सिंह की अगुवाई में चुनावी मैदान में उतरी. इस बार पार्टी ने 90 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए और 50 सीटें जीतने में सफल रही. हालांकि इस बार वोटों का प्रतिशत बढ़कर 40.39 तक पहुंच गया.


वहीं कांग्रेस ने 87 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए और 38 सीटों पर जीत दर्ज की. साल 2003 के मुकाबले कांग्रेस ने 2008 में एक सीट ज्यादा जीती जबकि वोटों की प्रतिशत में करीब तीन प्रतिशत का इजाफा हुआ. कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़कर 39.88 तक पहुंच गया.


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इस बार बीएसपी ने सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ा और पिछली बार की तरह 2 सीटें भी जीतीं. हालांकि उसके मत प्रतिशत मामूली कमी देखने को मिली. मत प्रतिशत 6.12 हो गया.


राज्य में होने वाले तीसरे विधानसभा चुनाव में एक बार फिर बीजेपी रमन सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाने में तो कामयाब रही लेकिन सीटों की संख्या में कमी देखने को मिली. पिछले दो चुनावों में 50 सीटें जीतने वाली पार्टी 49 पर सिमट गई. जबकि कांग्रेस का जनाधार फिर थोड़ा बढ़ता दिखाई दिया. सभी 90 सीटों पर किस्मत आजमा रही कांग्रेस ने इस बार 39 सीटों पर जीत दर्ज कर की.


अब ऐसे में चौथी बार हो रहे चुनाव में एक बार फिर बीजेपी रमन सिंह के नेतृत्व में चुनावी मैदान में उतरी है जबकि कांग्रेस की ओर से सीएम पद का चेहरा अभी सामने नहीं लाया गया है.  बहरहाल अब तो 11 दिसंबर को ही पता चल पाएगा कि सत्ता के संग्राम में बाजी किसके हाथ लगती है.


सभी आंकड़े भारत निर्वाचन  आयोग के वेवसाइट से लिए से लिए गए हैं.


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