रायपुर: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार ने कृषि उपज मंडी विधेयक-2020 में संसोधन को मंजूरी दे दी है. संसोधनों के साथ ये विधेयक आज विधानसभा में पेश होगा, जहां भूपेश बघेल सरकार इसे पास कराने की पूरी कोशिश करेगी. राज्य सरकार ने कहा है कि हमने इस विधेयक में अपने किसानों को शोषण से बचाने के लिए प्रावधान किया है.


संशोधन का मतलब केंद्र से टकराव नहीं- कृषि मंत्री


राज्य के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, ‘’कुछ (केंद्रीय) कानूनों के कारण संभव है कि हमारे किसानों का शोषण हो सकता है और राज्य में धान की खरीदी भी प्रभावित हो सकती है. हम देख रहे हैं कि अपने किसानों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य के कानून में कैसे संशोधन कर सकते हैं.’’ कृषि मंत्री ने कहा कि इस विधेयक में संशोधन का मतलब केंद्र से टकराव नहीं है, बल्कि हमारे किसानों का समर्थन करना है.


सीएम बघेल ने किया था कानून बनाने का एलान


इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए नए कृषि कानूनों का किसानों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, इसलिए राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर एक कानून बनाएंगे, जिससे नए केंद्रीय कृषि कानूनों के कारण छत्तीसगढ़ के किसान और मजदूर प्रभावित न हों.


जल जीवन मिशन को लेकर भी हुआ एलान


वहीं, राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा ‘जल जीवन मिशन‘ के क्रियान्वयन के संबंध में निर्णय लिया है कि जल जीवन मिशन की संपूर्ण निविदा (ईओआई) को निरस्त करके भारत सरकार के निर्देशानुसार कार्यवाही की जाए. जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्रामीण इलाकों के घरों में साल 2024 तक पाइप लाइन के माध्यम से पेयजल आपूर्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.


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