नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के कांकेर से बीजेपी सांसद मोहन मांडवी ने हाथरस की घटना को झूठी कथा करार दिया है. उन्होंने कांग्रेस के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि वहां (हाथरस) किसी प्रकार का कोई अत्याचार नहीं हुआ है. जहां कुछ नहीं हुआ, उसे बनावटी अत्याचार बनाकर, वहां बड़े-बड़े कांग्रेस के लीडर पहुंच रहे हैं.


एक सभा को संबोधित करते हुए बीजेपी सांसद मोहन मांडवी ने कहा, "अगर सीबीआई जांच की जाए, तो हर चार-पांच गांव में ऐसी घटना मिलेगी. यहां के एक ज़िम्मेदार मंत्री. उनका तो नाम लेने में भी मुझे शर्म आती है. ऐसे मंत्री को तो इस्तीफा दे देना चाहिए. हाथरस की झूठी कथा गढ़ने वाले. वहां किसी प्रकार का कोई अत्याचार नहीं हुआ है. जहां कुछ नहीं हुआ, उसे बनावटी अत्याचार बनाकर, वहां बड़े-बड़े कांग्रेस के लीडर पहुंच रहे हैं, जिनका अस्तित्व खत्म हो गया है."


उन्होंने कहा, "हमारे बस्तर के आदिवासियों के साथ घटना घट रही है. उनको यहां आना चाहिए. क्यों नहीं आते? मुंह क्यों छुपाते हैं? आदिवासी के अत्याचार और विकास के लिए दम भरने वाले ये आदिवासी हितैषी कहां गए?"



हाई कोर्ट ने पुलिस-प्रशासन को लगाई फटकार
हाथरस में हुई कथित गैंगरेप की घटना की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. हालांकि जिस तरह से पुलिस और ज़िला प्रशासन ने पीड़िता की मौत के बाद आधी रात को उसका अंतिम संस्कार किया, उससे कई सवाल खड़े हो गए. इसी मामले पर सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई.


कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पुलिस और प्रशासन के रवैया पर नाराजगी जताई और कड़ी फटकार लगाई. कोर्ट ने वहां मौजूद अधिकारियों से पूछा कि अगर यह बेटी किसी रसूख वाले की होती तो क्या इसी तरह से आधी रात को अंतिम संस्कार किया जाता? इसके बीच पीड़ित परिवार ने कोर्ट में कहा कि उनकी बिना मर्जी के उनकी बेटी का अंतिम संस्कार किया गया. अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 नवंबर को होगी.