रायपुर: छत्तीसगढ़ में बीजेपी की राज्यसभा सांसद सरोज पांडे के एक बयान की सियासी गलियारों में जमकर चर्चा हो रही है. सरोज पांडे के बयान के बाद लोग इस बात की चर्चा करने लगे हैं कि क्या छत्तीसगढ़ सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है? क्या मंत्री, विधायकों और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच तालमेल ठीक नहीं है? सवाल ये भी उठ रहा है कि बीजेपी मध्य प्रदेश की तर्ज़ पर छत्तीसगढ़ में सरकार को गिराने के लिए कोई प्लान तो नहीं बना रही है?


सरोज पांडे के बयान के क्या हैं सियासी मायने?


राज्यसभा सांसद सरोज पांडे ने राजनांदगांव में एक बयान दिया. सरोज पांडे ने कहा, ‘’छत्तीसगढ़ सरकार अपने ही लोगों के बीच में घिरी हुई है. सरकार को अपने ही लोगों का समर्थन नहीं है.’’ उन्होंने आगे कहा, ‘’ऐसे में ये सरकार कैसे चलाएंगे...मुझे लगता है कि इस सरकार का जीवन कम है और कितने दिन सरकार चलेगी ये कहा नहीं जा सकता है.’’


जब पत्रकारों ने सरोज पांडे से पूछा कि कहीं बीजेपी मध्य प्रदेश की तर्ज़ पर छत्तीसगढ़ में तो कोई विभीषण नहीं ढूंढ रही है तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हम विभीषण बनाने नहीं जाते हैं. कांग्रेस को अपना घर संभालना चाहिए. विभीषण तो रावण ही पैदा करता है.


छत्तीसगढ़ सरकार कोरोना संकट में इससे लड़ने के प्रयास में जुटी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हों या छत्तीसगढ़ सरकार में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव, ये कोरोना से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा और सरकार के निर्णय सार्वजनिक करते रहते हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से बीजेपी छत्तीसगढ़ सरकार के कोरोना से लड़ने के तरीक़े पर सवाल उठा रही है.


जब से विष्णु देव साय बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष बने हैं, बीजेपी छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर हमलावर है. प्रदेश अध्यक्ष बनते ही विष्णु देव साय ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर आज चुनाव हो जाएं तो हमारी यानी बीजेपी की सरकार बन जाएगी. साय के इस बयान की चर्चा भी प्रदेश में खूब हुई थी. अब सरोज पांडे का ये बयान छत्तीसगढ़ की सियासत में चर्चा का विषय बना हुआ है.


सरोज पांडे के बयान पर टीएस सिंह देव क्या बोले?


टीएस सिंह देव ने एबीपी न्यूज़ से फ़ोन पर बातचीत में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार कोरोना के इस संकट में हर सेक्टर में अच्छा काम कर रही है. मनरेगा, स्वास्थ्य और शिक्षा से लेकर आम जनता के हितों का ख़्याल रखते हुए सरकार काम कर रही है. जहां तक सरोज पांडे के बयान की बात है तो ये उनकी प्रजातांत्रिक स्वतंत्रता है. वो कुछ भी कह सकती हैं. सरकार में आपस में तालमेल के सवाल पर उन्होंने कहा कि यदि सरोज पांडे को काम में कहीं ऐसा दिख रहा है तो वो ऐसा कह सकती हैं.


कांग्रेस बोली- कुत्ते-बिल्ली सब पाल लें, ग़लतफ़हमी न पालें


सरोज पांडे के बयान का असर ऐसा हुआ कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस को इसका जवाब देना पड़ा. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के ऑफिसियल ट्विटर अकाउंट से सरोज पांडे का वीडियो ट्वीट करते हुए कांग्रेस ने लिखा, ‘’वाह, जो अपने राजनैतिक जीवन में दुर्ग से रायपुर तक का रास्ता नहीं नाप पाईं, वो छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को गिराने का ख़्वाब देख रहे हैं.’’





कांग्रेस ने आगे लिखा, ‘’सरोज पांडे जी, जिन कबूतरों ने आपको इशारा किया है उनसे कह देना, कुत्ता-बिल्ली सब पाल लें, ग़लतफ़हमी न पालें. इतनी हिम्मत नहीं अभी.”


डेढ़ साल से सुस्त पड़ी बीजेपी अचानक हुई चार्ज


छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार को बड़ा बहुमत हासिल है. 90 विधानसभा सीट वाले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के पास 69 विधायक हैं. ऐसे में बीजेपी के नेताओं के सरकार के जीवन की भविष्यवाणी करना कितना सही है और इससे कांग्रेस की सरकार के सेहत पर क्या फर्क पड़ेगा ये तो वक़्त ही बताएगा लेकिन पिछले डेढ़ साल से सुस्त पड़ी बीजेपी को सरोज पांडे और विष्णु देव साय ने थोड़ा चार्ज ज़रूर कर दिया है.


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