पेगासस पर छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल ने कहा- भारत सरकार को बताना चाहिए कि उनकी डील हुई कि नहीं हुई? डील हुई तो किससे हुई?
सीएम बघेल ने कहा कि हमें यह जानकारी मिली थी कि पेगासस कंपनी की तरफ से अधिकारी छत्तीसगढ़ आए थे और कुछ लोगों से संपर्क किया था. इसलिए हमने जांच के लिए कमेटी बनाई है.
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इजरायली पेगासस सॉफ्टवेयर से जासूसी का कथित तौर पर मामला सामने आने और इसमें विपक्षी दलों के नेताओं और केन्द्रीय मंत्री समेत अलग-अलग क्षेत्र के हस्तियों की फोन टैपिंग को लेकर लगातार केन्द्र सरकार से सवाल कर उन पर हमले किए जा रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को सरकार से कहा कि भारत सरकार को बताना चाहिए कि उनकी डील हुई कि नहीं हुई? डील हुई तो किससे हुई? बघेल ने आगे कहा- उन्होंने मंत्रियों, विपक्ष के नेताओं, पत्रकारों और अन्य लोगों की जासूसी कराया. आखिर उनका उद्देश्य क्या था?.
We had received information that officials from the company that manufactures Pegasus came here (Chhattisgarh) & contact some people. So we've constituted a probe committee. (Former CM) Raman Singh Ji should reveal who they met with & what kind of deal was made: CM Bhupesh Baghel pic.twitter.com/YcwLG0lD0f
— ANI (@ANI) July 21, 2021
सीएम बघेल ने कहा कि हमें यह जानकारी मिली थी कि पेगासस कंपनी की तरफ से अधिकारी छत्तीसगढ़ आए थे और कुछ लोगों से संपर्क किया था. इसलिए हमने जांच के लिए कमेटी बनाई है. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को यह बताना चाहिए कि वे कि किनसे मिले थे और किसी तरह की डील हुई थी. उन्होंने कहा कि एनएसओ ग्रुप की तरफ से यह कहा गया कि उनकी डील सिर्फ सरकार से होती है. ऐसे में भारत सरकार को यह बताना चाहिए कि उन्होंने कोई डील की या नहीं. वे विपक्षी नेताओं, पत्रकारों और यहां तक कि मंत्रियों की जासूसी कर रहे थे. इसका क्या मकसद था? इसकी जांच होनी चाहिए.
कमलनाथ का पेगासस कांड पर हमला
इधर, मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने पेगासस जासूसी कांड को लोगों की निजता, प्रजातंत्र एवं भारतीय संविधान पर सबसे बड़ा हमला बताते हुए इस पूरे मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से कराने की मांग बुधवार को की. इसके अलावा, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार उच्चतम न्यायालय में हलफनामा देकरस्पष्ट करे कि उसने इज़राइली स्पाईपवेयर पेगासस ना तो खरीदा है और नाहीं उसका लाइसेंस लिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए की यह स्पाईवेयर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खरीदा गया या (प्रधानमंत्री) मोदी की सुरक्षा के लिए खरीदा गया था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पेगासस जासूसी मामला लोगों की निजता, प्रजातंत्र एवं भारतीय संविधान पर सबसे बड़ा हमला है. यदि इस मामले की जांच कराएं तो उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से करवाएं. (इस जांच के लिए लिए) न्यायाधीश की नियुक्ति विपक्षी दलों की सहमति से होनी चाहिए.’’
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