पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर छत्तीसगढ़ CM का सवाल- 'जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता, वहां 300 किलो RDX कैसे पहुंचा'
14 फरवरी का दिन इतिहास में जम्मू कश्मीर की एक दुखद घटना के साथ दर्ज है. दो साल बीतें, लेकिन उस घटना के जख्म आज तक हरे हैं, जब आतंकवादियों ने इस दिन को देश के सुरक्षाकर्मियों पर कायराना हमले के लिए चुना.
![पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर छत्तीसगढ़ CM का सवाल- 'जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता, वहां 300 किलो RDX कैसे पहुंचा' Chhattisgarh Chief Minister Bhupesh Baghel question on second year of Pulwama terror attack पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर छत्तीसगढ़ CM का सवाल- 'जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता, वहां 300 किलो RDX कैसे पहुंचा'](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/12/17230308/bhupesh-baghel-new.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
आज पुलवामा हमले की दूसरी बरसी है. इसको लेकर सियासत गर्म हो गई है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी है. लेकिन श्रद्धांजलि के साथ बघेल ने सरकार से सवाल भी पूछे हैं. बघेल ने पूछा है कि जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता, वहां 300 किलो RDX कैसे पहुंचा.
भूपेश बघेल ने ट्विटर पर लिखा, "सवाल तो है साहेब! जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता, वहां 300 किलो RDX कैसे पहुंचा? कौन था इस साजिश के पीछे? पुलवामा हमले में शहीद हुए वीर जवानों को कोटि-कोटि नमन. राष्ट्र उनकी शहादत को सलाम करता है."
सवाल तो है साहेब! जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता, वहां 300 किलो RDX कैसे पहुंचा? कौन था इस षडयंत्र के पीछे? पुलवामा हमले में शहीद हुए वीर जवानों को कोटि-कोटि नमन। राष्ट्र उनकी शहादत को सलाम करता है।🙏🇮🇳
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) February 14, 2021
आज पुलवामा हमले की दूसरी बरसी दो साल पहले आज ही के दिन (14 फरवरी 2019) कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के एक फिदायीन आतंकी दस्ते ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. पुलवामा हमला पाकिस्तान की एक सोची समझी साजिश का नतीजा था. इस साजिश के तहत जैश ए मोहम्मद में अपने आतंकियों को ट्रेनिंग देने के लिए अलकायदा, तालिबान और हक्कानी के अफगानिस्तान में बने ट्रेनिंग कैंप में हथियार और गोला बारूद चलाने का प्रशिक्षण दिया था.
CRPF जवान पर हमला कैसे हुआ
14 फरवरी 2019 को श्रीनगर में ड्यूटी पर वापस लौट रहे सीआरपीएफ के 76वीं बटालियन के 2500 से ज्यादा जवानों के लिए जम्मू से 2.33 बजे तड़के बस लेना यादगार अनुभव था, जो कि कुछ ही घंटों बाद सबसे दुखद घटना में तब्दील हो गया. काफिला जैसे ही श्रीनगर से 27 किलोमीटर पहले लेथपोरा पहुंचा, एक पीछा कर रही विस्फोटक से भरी कार ने काफिले के पांचवी बस को बांयी तरफ से टक्कर मार दी. विस्फोट में दूसरे बस को भी नुकसान पहुंचा. क्षेत्र में गोलीबारी की आवाज सुनी गई, लेकिन कोई नहीं जानता यह गोलीबारी किसने की.
काफिले में मौजूद सीआरपीएफ के एक जवान ने कहा कि जबरदस्त धमाके ने सभी को चौंका दिया. वहां केवल अफरा-तफरी और भ्रम की स्थिति थी-मैं वहां केवल धुआं देख पा रहा था. विस्फोट के तुरंत बाद पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली. उसने कहा कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के एक स्थानीय फिदायीन अदिल अहमद डार ने यह हमला किया. इसके साथ ही संगठन ने डार का एक वीडियो भी जारी किया. हमले की जांच कर रहे राष्ट्रीय जांच एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि डार ने संभवत: 150 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट (सुपर 90)-एक उर्वरक जिसका कम तीव्रता के धमाके के लिए प्रयोग किया जाता है, का प्रयोग किया गया.
ये भी पढ़ें- उत्तराखंड के तपोवन हादसे को एक हफ्ता पूरा, टनल से 2 और शव बरामद, मौत का आंकड़ा 40 पहुंचा
पुलवामा आतंकी हमले की दूसरी बरसी: शहीद नसीर की पत्नी शाजिया ने कहा, 'आज भी उस दिन को नहीं भूल पाई'ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)