रायपुरः छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को पत्र लिखा है. पत्र में ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय से यह पूछा गया है की मंदिर निर्माण के लिए जो सहयोग राशि इकट्ठा की जा रही है उसके लिए अधिकृत कौन-कौन हैं. मुख्य सचिव ने पत्र के माध्यम से इसकी जानकारी मांगी है. मुख्य सचिव के इस पत्र के बाद छत्तीसगढ़ में एक बार बीजेपी चंदे का हिसाब मांगने की बात कहने लगी है. उधर कांग्रेस का कहना है की चंदे के नाम पर अवैध उगाही हो रही है इसलिए जनभावना का ख्याल रखते हुए मुख्य सचिव ने पत्र लिखा है जिसका कांग्रेस समर्थन करती है.


क्यों लिखा गया पत्र?


मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को जो पत्र लिखा है, उसमें अवैध वसूली और फर्जीवाड़े का जिक्र है. अब समझिए की मुख्य सचिव ने आखिर ऐसा पत्र क्यों लिखा. दरअसल, कुछ दिन पहले बिलासपुर में एक महिला के द्वारा राम मंदिर के चंदे के नाम पर अवैध वसूली का मामला सामने आया था. जिसके बाद महिला के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया था. उसी मामले को आधार बनाकर मुख्य सचिव ने ट्रस्ट को पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से ये पूछा गया है की उत्तरप्रदेश के अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए आम जनता से ली जा रही सहयोग राशि को इकट्ठा करने के किये कौन-कौन अधिकृत है. इसकी जानकारी ट्रस्ट से मांगी गई है.


पहले भी उठ चुका है राम मंदिर के चंदे पर सवाल


छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस. सिंहदेव ने इससे पहले भी राम मन्दिर के चंदे पर सवाल उठा चुके हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राम मन्दिर के चंदे पर सवाल उठाते हुए कहा था की बीजेपी के लोगों ने धंधा बना लिया है. 1992 के बाद जो सैकड़ों करोड़ों रुपए इकट्ठा हुए थे उसका हिसाब बीजेपी के लोगों को देना चाहिए. वहीं स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा था की जो पैसा अबतक इकट्ठा हुआ है उसका हिसाब ट्रस्ट को देना चाहिए ताकि पारदर्शिता बनी रहे.


कांग्रेस बोली चंदे के नाम पर हो रही अवैध उगाही


कांग्रेस के प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा की जन भावनाओं का दुरुपयोग करते हुए छत्तीसगढ़ में कुछ संगठन और राजनीतिक दल राम मंदिर के नाम पर चंदा उगाही का काम कर रहे हैं. जिसकी लगातार शिकायतें सरकार को मिल रही थी. इसीलिए मुख्य सचिव ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को पत्र लिखकर यह जानना चाहा है कि कौन-कौन से राजनीतिक दल और संगठन चंदा एकत्र करने के लिए अधिकृत हैं. इस पत्र का जवाब आने के साथ ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि कौन लोग अधिकृत हैं और कौन अनाधिकृत रूप से चंदा उगाही का काम कर रहे हैं. मैं सरकार के इस कदम का समर्थन करता हूं.


'हिन्दू समाज को बदनाम करने की साजिश है'


इस पूरे मामले को बीजेपी ने अब मुद्दा बना लिया है. एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बीजेपी प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने कहा की तकलीफ चंदे की नही है बात सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दिन से है. दरअसल जब से राम मंदिर निर्माण की कार्यवाही शुरू हुई है ,तब से छत्तीसगढ़ के कांग्रेस के नेता इसमें अपने आदत के अनुरूप विध्न डालने का काम कर रहे हैं. चंदा लेने की कार्ययोजना पूरी तरह पारदर्शी है. सभी जिलों में इसके लिये समिति बनाई गई है. जगह-जगह आमजनों को मंदिर निर्माण की भावना से जोड़ने के लिए प्रभात फेरी निकाली जा रही है. कहीं कोई किंतु परंतु वाली स्थिति नही है. ये सब कांग्रेस का फैलाया हुआ भ्रम है. प्रदेश की सरकार को शर्म आना चाहिए जो इस तरीके का कृत्य कर रही है. हिंदू समाज को बदनाम करने की साजिश है. राम मंदिर निर्माण में जिस तरह से प्रदेश के लोग जुड रहे हैं और मंदिर निर्माण में हिस्सा ले रहे है उससे ये पार्टी विचलित है. हर चंदे का पाई पाई का हिसाब है लेकिन ये सरकार चंदे का हिसाब मांगने के लिए अधिकृत नही है. इसके लिए आयकर विभाग है उन्हें हिसाब देंगे. चीन से चंदा मांगने वाले प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण मे विध्न डालना बंद करें.


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