Chhattisgarh Coal Allocation Scam: छत्तीसगढ़ में कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितता के मामले में दिल्ली की स्पेशल कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी करार दिया है. आरोपियों में पूर्व राज्यसभा सांसद विजय दर्डा, उनके बेटे देवेंद्र दर्डा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और जेएलडी यवतमाल एनर्जी और इसके डायरेक्टर मनोज कुमार जायसवाल व अन्य शामिल हैं.


कोर्ट ने सभी आरोपियों को आपीसी की धारा 120बी, 420 और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया है. दोषियों को कितनी सजा दी जाए, इस पर 18 जुलाई को बहस होगी.


फ्रॉड करके हासिल किया कोल ब्लॉक


इससे पहले, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अदालत को बताया कि जेएलडी यवतमाल एनर्जी लिमिटेड आपराधिक साजिश के तहत छत्तीसगढ़ में फतेहपुर ईस्ट कोल ब्लॉक हासिल किया था. इसके लिए पात्रता शर्तों पर तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया था. सीबीआई के मुताबिक कोयला घोटाले से जुड़े मामले में यह तेरहवीं दोषसिद्धि है.


पब्लिक प्रॉसीक्यूटर की दलील स्वीकार


अदालत ने वरिष्ठ लोक अभियोजक ए पी सिंह की दलीलों को स्वीकार कर लिया कि सीबीआई सभी उचित संदेहों से परे अपना मामला साबित करने में सक्षम थी. इसके पहले कोर्ट ने 2014 में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था और यह कहते हुए मामले की आगे की जांच करने का निर्देश दिया था कि पूर्व सांसद ने तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्रों में तथ्यों को "गलत तरीके से प्रस्तुत" किया था. उस समय कोयला विभाग तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास ही था.


अदालत ने कहा था कि लोकमत समूह के अध्यक्ष विजय दर्डा ने छत्तीसगढ़ में फतेहपुर (पूर्व) कोयला ब्लॉक को जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित कराने के लिए ऐसा किया था.


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