Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला, एससी-एसटी और ओबीसी के लिए बनाया अलग विभाग
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की राजनीति में जातिगत समीकरण में ओबीसी वर्ग का दबदबा है. बता दें कि राज्य में एससी 13 प्रतिशत, एसटी 32 प्रतिशत और ओबीसी करीब 47 प्रतिशत है.
Chhattisgarh Cabinet Decision On OBC: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कांग्रेस (Congress) ने संगठन को मजबूत करने के लिए कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के नेतृत्व वाली भूपेश बघेल सरकार (Bhupesh Baghel Government) ने आज एक अहम फैसला लिया है. आज हुई कैबिनेट बैठक में राज्य में एससी -एसटी और ओबीसी (OBC) के लिए अलग-अलग विभाग का गठन करने का फैसला लिया गया है.
छत्तीसगढ़ की राजनीति में जातिगत समीकरण में ओबीसी वर्ग का दबदबा है. बता दें कि राज्य में एससी 13 प्रतिशत, एसटी 32 प्रतिशत और ओबीसी करीब 47 प्रतिशत है. छत्तीसगढ़ सरकार ने ओबीसी विभाग का गठन कर ओबीसी वोटरों को साधने की कोशिश की है.
बीजेपी ने साधान निशाना
राज्य सरकार के इस फैसले को लेकर बीजेपी नेता गौरीशंकर श्रीवास का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा है कि चुनाव सामने है इसलिए कांग्रेस सरकार को डर सता रहा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने ओबीसी वर्ग को छत्तीसगढ़ का नेतृत्व दिया है. उन्होंने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस फैसले से साबित होता है कि राज्य की कांग्रेस सरकार भयभीत है.
बीजेपी नेता ने प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार पर ओबीसी वर्ग की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 4 साल में प्रदेश सरकार ने ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण और उनके अधिकारों से उपेक्षित किया है.
बीजेपी ने भी उठाया यह कदम
बता दें कि छत्तीसगढ़ में करीब 2.5 करोड़ की आबादी का लगभग 47 फीसदी ओबीसी वर्ग से ताल्लुक रखता है. जो राज्य के हर चुनाव में किसी भी दल की हार और जीत का फैसला करने में अहम भूमिका निभाते हैं. इन सभी कारणों को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने भी कुछ दिनों पहले ही प्रदेश स्तर पर काफी बदलाव किए. बीजेपी ने ओबीसी वोटरों के साधने के लिए सांसद अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी. बीजेपी के इस कदम को प्रदेश में एक बड़े वोट बैंक को साधने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है.
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