नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ कांग्रेस में पिछले कई दिनों से घमासान जारी है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से ढाई-ढाई साल वाला फॉर्मूला मानने को कहा है. राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा के बीच सीएम बघेल ने कल पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ लंबी बैठक की थी. बघेल ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री के तौर पर’ उनकी ओर से दिए गए निमंत्रण पर राहुल गांधी अगले सप्ताह राज्य का दौरा करेंगे.


राहुल गांधी के साथ करीब साढ़े तीन घंटे की मैराथन बैठक के बाद बाहर निकले बघेल ने मुख्यमंत्री पद के ढाई-ढाई साल के फार्मूले पर पूछे गए सवाल का सीधा उत्तर नहीं दिया और सिर्फ यह कहा कि कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया ने जो पिछले दिनों कहा था, उसके बाद कोई बात बाकी नहीं रह जाती.


राहुल से सिर्फ राजनीतिक मुद्दों पर हुई बात- बघेल


दरअसल, राहुल गांधी के साथ गत मंगलवार को हुई बघेल और छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव की बैठक के बाद पुनिया ने कहा था कि नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है. बघेल ने यह भी कहा कि राहुल गांधी के साथ बैठक में राजनीतिक मुद्दों और राज्य के विकास से जुड़ी योजनाओं पर चर्चा की गई. उनके मुताबिक, अब ‘गुजरात मॉडल’ विफल हो चुका है और ऐसे में देश के सामने ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ को पेश करना है.


जब तक आलाकमान चाहेगा तब तक सीएम रहूंगा- बघेल


राहुल गांधी के आवास पर करीब साढ़े तीन घंटे तक चली बैठक में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल और पीएल पुनिया मौजूद थे. बैठक के बाद बघेल ने कहा, ‘‘मैंने अपने नेता से दिल की बात कह दी. मुख्यमंत्री आलाकमान ने बनाया है. जब तक आलाकमान चाहेगा तब तक रहूंगा.’’


सीएम बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के बीच चल रही तनातनी की स्थिति को देखते हुए विधायकों के दिल्ली पहुंचने से यह चर्चा गर्म है कि मुख्यमंत्री की ओर से कांग्रेस आलाकमान के समक्ष शक्ति प्रदर्शन करने का प्रयास है, हालांकि बघेल के करीबियों ने इससे इनकार किया है. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री का सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरा विश्वास है और शक्ति प्रदर्शन जैसी कोई बात नहीं है.


सीएम बघेल ने कहा था कि मुख्यमंत्री पद के ढाई-ढाई साल के बंटवारे का राग अलाप रहे लोग प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें वह कभी सफल नहीं होंगे.


बघेल-सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं


छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे. सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनी थी और ऐसे में अब सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए.


पिछले दिनों बघेल गुट और सिंहदेव गुट के बीच मतभेद उस वक्त और बढ़ गये, जब कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव पर आरोप लगाया था कि वह उनकी हत्या करवाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. बृहस्पति सिंह को मुख्यमंत्री बघेल का करीबी माना जाता है.


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