रायपुर: छत्तीसगढ़ सीएम के लिए टीएस सिंहदेव का नाम तय माना जा रहा है. सिंहदेव सरगुजा राजपरिवार से हैं और अपने इलाके में काफी लोकप्रिय हैं. वे नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं. 2008 और 2013 में वो अंबिकापुर से विधायक भी रहे. इस बार उन्होंने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है.
सिंहदेव की चर्चा लोगों में शुरु से ही रही है. कभी उनकी संपत्ति को लेकर तो कभी उनके सादगी भरे व्यवहार को लेकर. उन्होंने जो हलफनामा जमा किया था उसके मुताबिक उनके पास 500 करोड़ से अधिक की संपत्ति है. उन्हें लोग बाबा कहकर भी बुलाते हैं.
टीएस सिंहदेव किसी भी तरह के विवादों से दूर हैं, पढ़े लिखे हैं और चुनाव में 60 से अधिक सभाएं भी उन्होंने की थीं. कांग्रेस का घोषणापत्र बनाने में भी उनकी बड़ी भूमिका बताई जाती है. ये सभी वो बातें हैं जो सीएम पद पर उनके दावे को मजबूत करती हैं.
महाराजा सिंहदेव को राहुल गांधी और सोनिया गांधी का विश्वासपात्र माना जाता है. माना जा रहा है कि उनकी छवि, लोकप्रियता और मेहनत को देखते हुए उन्हें सीएम पद की कमान दी जा सकती है. कुछ प्लस पॉइंट उनके व्यवहार को लेकर भी बनते हैं. कार्यकर्ताओं, साथी नेताओं के साथ जिस तरह से पेश आते हैं उसकी नजीर दी जाती है.
2013 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी 49 और कांग्रेस ने 39 सीट पर जीत दर्ज की थी. वहीं बीएसपी और अन्य के खाते में 1-1 सीट गई थी. लगातार तीन बार से बीजेपी यहां सरकार बनाने में कामयाब हो रही थी लेकिन इस बार बाजी कांग्रेस के पास आ गई है.
2018 में 90 में से 68 सीटें कांग्रेस ने जीतीं जबकि बीजेपी 15 सीटों पर सिमट गई. बाकी सात सीटों पर अन्य का कब्जा रहा. अजित जोगी की पार्टी और बसपा ने ये सात सीटें जीतीं. जोगी की पार्टी को 5.6 प्रतिशत वोट मिले जबकि बीएसपी को 2.2 प्रतिशत वोट मिले.