रायपुर: छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने टाटा संयंत्र के लिए अधिग्रहित भूमि किसानों को वापस करने का फैसला किया है. टाटा इस्पात संयंत्र के लिए आदिवासी बहुल बस्तर जिले के लोहांडीगुड़ा क्षेत्र में जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई थी, उन्हें उनकी जमीन जल्द वापस की जाएगी. छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा, ''टाटा इस्पात संयंत्र के लिए बस्तर जिले के लोहांडीगुड़ा क्षेत्र में जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई थी, उन्हें उनकी जमीन वापस दिलाने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को जरूरी प्रक्रिया पूर्ण करने और मंत्री परिषद की आगामी बैठक में प्रस्ताव लाने के निर्देश दिए हैं.''





अधिकारियों ने दावा किया कि बघेल के साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बस्तर प्रवास के दौरान लोहांडीगुड़ा क्षेत्र के किसानों को विश्वास दिलाया था कि उनकी अधिग्रहित भूमि उन्हें वापस दिलायी जाएगी.


जन घोषणा पत्र में राज्य के किसानों से यह वादा किया गया है कि औद्योगिक उपयोग के लिए अधिग्रहित कृषि भूमि, जिसके अधिग्रहण की तारीख से पांच वर्ष के भीतर उस पर कोई परियोजना स्थापित नहीं की गई है, वह किसानों को वापस की जाएगी.


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उन्होंने बताया कि टाटा संयंत्र के लिए यह भूमि फरवरी 2008 और दिसम्बर 2008 में अधिग्रहित की गई थी. संयंत्र के लिए जिन गांवों में भूमि का अधिग्रहण किया गया था, उनमें तहसील लोहांडीगुड़ा के अंतर्गत छिंदगांव, कुम्हली, बेलियापाल, बडांजी, दाबपाल, बड़ेपरोदा, बेलर और सिरिसगुड़ा गांव तथा तहसील तोकापाल के अंतर्गत टाकरागुड़ा गांव शामिल हैं. इस पर संबंधित कम्पनी द्वारा अब तक कोई उद्योग स्थापित नहीं किया गया है.