छत्तीसगढ़: कवर्धा में झंडा विवाद हिंसक हुआ, स्थिति संभालने के लिए पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले
सोमवार को शांति समिति की बैठक भी बुलाई गई थी. पुलिस ने मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार कर FIR दर्ज कर ली है. लेकिन अब पूरे मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है.
रायपुर: छत्तीसगढ़ के कवर्धा में झंडा लगाने को लेकर उपजा विवाद ना सिर्फ अब हिंसक हो गया है बल्कि राजनीति भी शुरू हो गई है. हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े. मंगलवार को धारा 144 लागू होने के बावजूद उपद्रवियों ने शहर में जगह जगह तोड़फोड़ और आगजनी की स्थिति संभालने के लिए पुलिस ने भी जमकर लाठियां भांजीं और आंसू गैस के गोले दागे.
मंगलवार को हुए इस उपद्रव के बाद शाम को पुलिस ने फ्लैग मार्च भी किया लेकिन स्थिति आज भी तनावपूर्ण ही है. झंडा विवाद में जिस युवक की पिटाई हुई थी, उसके आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर राजनांदगांव के बीजेपी सांसद अभिषेक सिंह और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली और पुलिस पर सवाल खड़े किए. इसके बाद भीड़ बेकाबू हुई और आगजनी और तोड़फोड़ शुरू कर दिया.
पूरा मामला समझिए
रविवार की दोपहर कुछ युवकों ने लोहारा नाका चौक इलाके में झंडा लगा दिया. इसको लेकर दो गुटों में जमकर लाठी डंडे चले. पुलिस तमाशबीन बनकर देखती रही और दूसरे गुट ने झंडा लगाने वाले गुट के दुर्गेश को पीट पीटकर लहू लुहान कर दिया.
मारपीट में 8 लोग घायल हुए हैं. इनका इलाज कवर्धा के अस्पताल में कराया जा रहा है. इसके बाद सोमवार को शांति समिति की बैठक भी बुलाई गई थी. पुलिस ने मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार कर FIR दर्ज कर ली है. लेकिन अब पूरे मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है और इसे अलग रंग देने की कोशिशें भी हो रही हैं.
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