रायपुरः छत्तीसगढ़ सरकार ने गोधन न्याय योजना के तहत पूरे प्रदेश में पशुपालकों से गोबर खरीद रही है. सरकार ने अबतक 74.48 करोड़ का गोबर खरीदा है. देश में पहली राज्य सरकार है जो इतनी बड़ी मात्रा में गोबर की खरीदी कर रही है. सरकार पशुपालकों से 2 रुपए किलो गोबर खरीदती है. प्रदेश के गांवों में बने गोठानों यानी पशुओं को रखने के लिए बनाई गई जगह में ही गोबर की खरीदी होती है. जहां पशुपालक अपने पशु का गोबर लेकर बेचने जाता है. गोठान में ही खरीदे गए गोबर का वर्मी कंपोस्ट बनाया जाता है.


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गौठानों में गोबर से तैयार हो रही वर्मी कम्पोस्ट खाद की गुणवत्ता एवं इसके फायदे के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किए जाने की जरूरत है. इसके साथ ही इसके मार्केटिंग का भी प्रबंध किया जाना जरूरी है, ताकि इसका लाभ राज्य के किसानों को मिल सके.


मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्मी खाद के उपयोग के लिए किसानों को प्रेरित एवं प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है. वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति और उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ-साथ उत्पादित खाद्यान्न की पौष्टिकता भी अच्छी होती है.


गोबर से बने खाद की मार्केटिंग जरूरी


मुख्यमंत्री बघेल ने अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना की समीक्षा के दौरान ये बाते कहीं. इस मौके पर सीएम बघेल ने गोधन न्याय योजना के तहत ग्रामीणों एवं पशुपालकों द्वारा बेचे गए गोबर की एवज में 3 करोड़ 86 लाख रूपए की 13वीं किश्त की राशि का ऑनलाइन ट्रांसफर किया.


गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में अब तक 75 करोड़ 48 लाख रूपए की राशि गोबर विक्रेताओं को भुगतान की जा चुकी है. मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में खरीदे जा रहे गोबर से बड़ी मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण जारी है. वर्तमान में गौठानों में लगभग 61 हजार वर्मी टांके वर्मी खाद तैयार किए जाने के लिए भरे गए हैं. इससे लगभग 12 लाख क्विंटल वर्मी खाद तैयार होने की स्थिति में है.


सीएम बघेल ने कहा कि वर्मी खाद के प्रचार-प्रसार एवं इसके उपयोग के लिए किसानों को प्रेरित करने के उद्देश्य से जिलों में कार्यशाला का आयोजन करने की भी बात कही. मुख्यमंत्री ने वन विभाग एवं नगरीय प्रशासन विभाग को आवश्यकता के अनुसार गौठानों से वर्मी खाद की क्रय करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए.


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