नई दिल्ली: कोविड के खिलाफ लड़ाई के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार ने एक ऐसा निर्णय लिया है, जिससे उन बच्चों को राहत मिलेगी जिनके माता-पिता का निधन कोरोना से हो गया है. कोविड के निर्मम प्रहार के चलते जिन बच्चों का सब कुछ छीन गया है, अब छत्तीसगढ़ सरकार उनको मदद करेगी. उनकी शिक्षा का दायित्व सरकार उठाएगी.


छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना के माध्यम से सरकार ऐसे बच्चों की मदद करेगी, जिनके माता-पिता का निधन कोरोना वायरस के कारण हो गया है. यह योजना इस वित्तीय वर्ष से लागू की जाएगी. इसके साथ ही पहली से आठवीं तक के ऐसे बच्चों को 500 रुपये प्रतिमाह और 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को 1000 रुपये प्रतिमाह की छात्रवृत्ति भी राज्य सरकार के जरिए दी जाएगी. शासकीय अथवा प्राइवेट किसी भी स्कूल में पढ़ाई करने पर ये बच्चे इस छात्रवत्ति के लिए पात्र होंगे.


पढ़ाई की व्यवस्था


वहीं राज्य सरकार के जरिए यह भी निर्णय लिया गया है कि ऐसे बच्चे जिनके परिवार में रोजी-रोटी कमाने वाले मुख्य सदस्य की मृत्यु कोरोना से हो गई है, तो उन बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था भी राज्य सरकार के जरिए की जाएगी.


इसके साथ ही राज्य सरकार के जरिए यह भी निर्णय लिया गया है कि यदि ये बच्चे राज्य में प्रारंभ किए गए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों में प्रवेश हेतु आवेदन देते हैं तो उन्हें प्राथमिकता से प्रवेश दिया जाएगा और उनसे किसी भी प्रकार की फीस नहीं ली जाएगी.