Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ का राजधानी रायपुर के महापौर व कांग्रेस के नेता ऐजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनवर ढेबर को दोबारा गिरफ्तार किया है. ईडी ने भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) के एक निलंबित अधिकारी को भी गिरफ्तार किया. 


बता दें कि केंद्रीय एजेंसी ने पिछले साल कथित शराब घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में अनवर ढेबर और नौकरशाह अरुणपति त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आयकर विभाग की शिकायत पर आधारित ईडी की आईसीआईआर (प्राथमिकी) रद्द कर दी थी. इसके बाद एजेंसी ने नया मामला दर्ज किया था.


14 अगस्त तक ईडी हिरासत में भेजा


एजेंसी ने एक बयान में कहा कि दोनों को इस मामले में गुरुवार (08 अगस्त) को दोबारा गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद रायपुर की एक विशेष धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने उन्हें 14 अगस्त तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया. ईडी के अनुसार, छत्तीसगढ़ में कथित आबकारी घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ था, जब राज्य में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार थी. 


2,100 करोड़ रुपये से का मामला


एजेंसी ने कहा है, 'छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाले के कारण राज्य के राजस्व को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट ने 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध धनराशि अर्जित की.' बता दें कि कांग्रेस के नेता ऐजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर को बीते साल भी ईडी ने गिरफ्तार किया था. इस मुद्दे पर सियासी पारा भी खूब चढ़ा था और बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा था. 


ईडी ने क्या आरोप लगाया था?


बीते साल ईडी ने अनवर ढेबर पर कई आरोप लगाते थे. ईडी ने अनवर ढेबर पर कच्ची शराब, सरकारी शराब दुकान बेचने और इससे मुनाफा कमाने का आरोप लगाया है. ईडी ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया के लिए अनवर ने एक चैन तैयार की थी.' हालांकि अनवर ढेबर के भाई और रायपुर मेयर ऐजाज ढेबर ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया था. ऐजाज ढेबर ने कहा था, 'सत्य को परेशान किया जा सकता है लेकिन पराजित नहीं.'


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