Bihar Liquor Ban: छत्तीसगढ़ से शराबबंदी के अनुभव जानने विधायक पहुंचे बिहार, सीएम नीतीश ने कहा- छात्र जीवन से थे इसके खिलाफ
Bihar Liquor Ban Policy: बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने दावा किया कि 1970 के दशक की शुरुआत में जब वह इंजीनियरिंग के छात्र थे तब से ही वे व्यक्तिगत तौर पर शराब के सेवन के खिलाफ थे.
Chhattisgarh MLA Meet CM Nitish Kumar: बिहार में शराबबंदी के अनुभव के अध्ययन करने के लिए राज्य में आए छत्तीसगढ़ के विधायकों (MLA) के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार (10 मार्च) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की. दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री सत्य नारायण शर्मा की अगुवाई वाले सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में द्वारिकाधीश यादव, रश्मि आशीष सिंह, शिशुपाल सोरी, कुंवर सिंह निषाद, दलेश्वर साहू और पुरुषोत्तम कंवर भी शामिल रहे.
शराबबंदी के बारे में एमएलए को दी जानकारी
बिहार सीएम ने नीतीश कुमार ने ट्वीट किया, "बिहार में सफलतापूर्वक लागू पूर्ण शराबबंदी के अध्ययन के संबंध में आए हुए छत्तीसगढ़ विधानमंडल दल के 7 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से आज 1 अणे मार्ग में मुलाकात की. अध्ययन दल को राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू करने को लेकर किए गए प्रयासों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई."
छत्तीसगढ़ के आगंतुकों का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री ने उन परिस्थितियों को याद किया जिसके कारण उन्होंने अप्रैल 2016 में राज्य की महिलाओं के हित में शराब की बिक्री और खपत पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का वादा किया था.
बिहार में सफलतापूर्वक लागू पूर्ण शराबबंदी के अध्ययन के संबंध में आए हुए छत्तीसगढ़ विधानमंडल दल के 7 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से आज 1 अणे मार्ग में मुलाकात की। अध्ययन दल को राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू करने को लेकर किए गए प्रयासों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। (1/2) pic.twitter.com/afL7Fli0Hs
— Nitish Kumar (@NitishKumar) March 10, 2023
'छात्र जीवन से शराब के सेवन के खिलाफ थे'
सीएम ने दावा किया कि 1970 के दशक की शुरुआत में जब वह इंजीनियरिंग के छात्र थे तब से ही वे व्यक्तिगत रूप से शराब के सेवन के खिलाफ थे. उन्होंने आगे कहा कि शराबबंदी पहली बार बिहार में तब लागू की गई थी जब उनके राजनीतिक गुरु कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में जनता पार्टी ने अपनी सरकार बनाई थी. ठाकुर के बाद के शासन द्वारा हालांकि इसे खत्म कर दिया गया.
सीएम ने ये भी बताया कि महात्मा गांधी हमेशा शराब पीने की आदत के कट्टर आलोचक रहे. उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के किए गए एक सर्वेक्षण में शराब की खपत को आत्महत्या की उच्च दर और वाहन दुर्घटनाओं के अलावा कई घातक बीमारियों से जोड़ा गया है. आगंतुकों ने साहसिक कदम उठाने के लिए मुख्यमंत्री की सराहना की और कहा कि अध्ययन के दौरान उन्होंने पाया कि बिहार की महिलाएं शराबबंदी की बहुत सराहना कर रही हैं.
प्रतिनिधिमंडल ने शराबबंदी को सराहा और कहा कि शराबबंदी से सामाजिक और आर्थिक रूप से बदलाव हो रहा है और समाज में अच्छा वातावरण बन रहा है.
ये भी पढ़ें: Bihar Liquor Ban: बिहार में DM का ड्राइवर भी शराब पीकर चलाता है गाड़ी, तीन लोग नशे में पकड़े गए