Chhattisgarh Naxal Attack: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में 22 जवान शहीद हुए और 32 घायल हैं. वहीं, एक जवान लापता है. लापता जवान का नाम राजेश्वर सिंह हैं, जो जम्मू के रहने वाले हैं. वह सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो दस्ते में शामिल थे. राजेश्वर का पूरा परिवार अब उनकी सलामती की दुआ मांग रहा है और मोदी सरकार से गुहार लगा रहा है कि वह जल्द से जल्द राजेश्वर की रिहाई सुनिश्चित कराएं


 कार्यकाल पूरा होने के बावजूद उन्हें छत्तीसगढ़ में ही रखा गया- परिवार


राजेश्वर पिछले कई सालों से छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन्स का हिस्सा रहे हैं और पिछले साल ही अपना कार्यकाल पूरा कर चुके थे. राजेश्वर के घर वालो का दावा है कि उनके जज़्बे को देखते हुए कार्यकाल पूरा होने के बावजूद उन्हें छत्तीसगढ़ में ही रखा गया. राजेश्वर के परिवार के मुताबिक उन्हें नक्सलियों ने बंधक बनाया है, जिसकी जानकारी उन्हें वहां के स्थानीय चैनल से मिली है.


जल्द से जल्द रिहा कराए केंद्र सरकार- परिवार


परिवारवाले राजेश्वर सिंह की सकुशल वापसी की कामना के साथ ही केंद्र सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि लापता राजेश्वर को जल्द खोज निकाला जाना चाहिए. राजेश्वर के साले विक्रांत ने बताया कि इस हमले के बाद वहां के स्थानीय चैनेल से फ़ोन आया कि राजेश्वर को नक्सलियों ने बंधक बनाया है. परिवार अब मांग कर रहा है कि अगर उन्हें नक्सलियों ने बंधक बनाया है तो केंद्र सरकार उन्हें जल्द से जल्द रिहा कराए. राजेश्वर के घर वालों का कहना है कि राजेश्वर अपने साले की शादी के लिए छुट्टी पर आने वाले थे.


परिवार वालों ने कहा है कि राजेश्वर देश सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहा है और अब यह केंद्र सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वो राजेश्वर की सही सलामत घर वापसी को सुनिश्चित करे. राजेश्वर सिंह जम्मू के दोमाना इलाके में रहते हैं. पिछले पांच साल से छत्तीसगढ़ में तैनात राजेश्वर के पिता भी सीआरपीएफ में तैनात थे.


उनका फ़ोन कोई नहीं उठा रहा- राजेश्वर


राजेश्वर की धर्मपत्नी मीनू मनहास का कहना है कि उनकी राजेश्वर की शुक्रवार शाम बात हुई थी, जिसमें उन्होंने इस ऑपरेशन की जानकारी दी थी और तब से उनका फ़ोन कोई नहीं उठा रहा. उन्होंने कहा कि राजेश्वर इससे पहले भी ऑपरेशन्स में जाते थे, लेकिन कभी इतनी देर नहीं होती थी


पत्नी के मुताबिक राजेश्वर उनके पति होने के साथ साथ देश के जवान हैं और अब यह सरकार की ज़िम्मेदारी बनती है कि उनकी सकुशल घर वापसी हो. उनकी बहन सरिता का दावा है कि राजेश्वर को शायद नक्सली अगवाह कर के ले गए है और उनकी जल्द रिहाई होनी चाहिए।. वहीं राजेश्वर की माता कुंती देवी का कहना है कि राजेश्वर उनका इकलौता सहारा है.


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