छत्तीसगढ़: नक्सलियों का दावा- कमांडो राकेश्वर सिंह उनके पास, छोड़ने के लिए रखी ये शर्त
नक्सलियों ने दावा किया है कि कमांडो राकेश्वर सिंह उनके पास है. इसके साथ ही उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि लूटे हुए 14 हथियार भी उनके पास हैं.
बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुई नक्सली घटना से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. नक्सलियों का बयान आया है कि कमांडो राकेश्वर उनके पास हैं. कमांडो राकेश्वर को छोड़ने के लिए नक्सलियों ने अपनी शर्त रखी है. चिट्ठी लिखकर अपनी शर्त नक्सलियों ने सामने रखी है और कहा है कि सरकार पहले मध्यस्थों के नाम का एलान करे. इसके बाद वो सीआरपीएफ के कमांडो राकेश्वर सिंह को छोड देंगे.
अपनी चिट्ठी में नक्सलियों ने लूटे हुए 14 हथियारों और 2 हजार से ज्यादा कारतूस मिलने की बात भी स्वीकार की है. वहीं ये भी माना है कि चार नक्सली उस हमले में मारे गए. नक्सलियों ने बाकायदा एक प्रेस रिलीज जारी करके ये बात बताई है. ये प्रेस नोट नक्सलियों की दण्डकारण्य स्पेशल ज़ोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने जारी किया है.
नक्सली हमले में 22 जवान हुए थे शहीद
इससे पहले मंगलवार को सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने कहा कि इस हमले में निश्चित तौर पर 28 नक्सली मारे गए हैं और ये संख्या ज्यादा भी हो सकती है. कुलदीप सिंह ने बताया कि लापता एक जवान का अभी कुछ पता नहीं चल पाया है. शनिवार को हुए इस बड़े हमले में 22 जवान शहीद हो गए थे.
सुरक्षा बलों पर हमले का मास्टरमाइंड नक्सली कमांडर हिड़मा
शनिवार को सुरक्षा बलों पर नक्सलियों की बटालियन नंबर एक ने हमला किया था. इस बटालियन ने बस्तर क्षेत्र में बड़ी नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया है जिसका नेतृत्व नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा करता है.
सुरक्षा बलों को लंबे समय से नक्सली हिड़मा की तलाश है. राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि शनिवार को सुकमा जिले के जोनागुड़ा और टेकलगुड़ा गांव के करीब नक्सलियों की बटालियन नंबर एक ने सुरक्षा बलों पर हमला किया था और इस हमले का मास्टरमाइंड नक्सली कमांडर हिड़मा है.
उन्होंने बताया कि क्षेत्र में हिड़मा की उपस्थिति की जानकारी के बाद ही बड़ी संख्या में जवानों को अभियान पर भेजा गया था. हालांकि बाद में बटालियन नंबर एक से मुठभेड़ के दौरान 22 जवान शहीद हो गए.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सली कमांडर हिड़मा क्षेत्र के सबसे कुख्यात नक्सली नेताओं में से एक है और पुलिस लंबे समय से उसकी तलाश में है. माना जाता है कि लगभग 45 साल का हिड़मा जोनागुड़ा से लगभग छह किलोमीटर दूर पूवर्ती गांव का निवासी है.
जोनागुड़ा गांव के करीब ही शनिवार को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई थी. उन्होंने बताया कि हिड़मा के सिर पर 40 लाख रुपये का इनाम है और पुलिस के पास हिड़मा की जो तस्वीरें हैं वे पुरानी हैं.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हिड़मा के नेतृत्व वाला बटालियन नंबर एक क्षेत्र में नक्सलियों का एकमात्र बटालियन है और इस बटालियन में नक्सली आधुनिक हथियारों से लैस हैं.
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