Bhupesh Baghel Vs Raman Singh: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दो बड़े नेताओं की ट्विटर पर दिलचस्प वार्तालाप इन दिनों सुर्खियां बटोर रही है. यह वार्तालाप पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (Raman Singh) और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के बीच हो रही है. पिछले एक सप्ताह से दोनों एक दूसरे पर ट्विटर (Twitter) पर जमकर निशाना साध रहे है. तीखी नोकझोंक के बीच दोनों एक साथ दिल्ली (Delhi) जाने के लिए भी तैयार हो गए हैं. वहीं, रमन सिंह तो यह भी कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा लगाए गए आरोप साबित हो जाते हैं तो सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लेंगे.


दरअसल ईडी द्वारा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पूछताछ के लिए बुलाए जाने के विरोध में छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने विरोध किया था. छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने रायपुर के ईडी दफ्तर के बाहर पंडाल लगाकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया. इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डॉ. रमन सिंह को भी आड़े हाथ लिया. मंच से उन्होंने ललकारते हुए नान घोटाले और पनामा पेपर मामले में रमन सिंह, उनकी पत्नी और बेटे के शामिल होने का आरोप लगाया.


इसके जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ट्विटर पर लिखा, ''जोर-जोर से चिल्लाने से, डायवर्ट करने से आपके कोयला घोटाले, अवैध शराब की कमाई के पाप छिप नहीं जाएंगे. आपने मुझ पर और मेरे परिवार पर जो भी झूठे आरोप लगाए हैं, उसमें एक रुपये का भी हेरफेर साबित करके दिखाएं, मैं डॉ. रमन सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लूंगा लेकिन तैयार आप भी रहिए.''


इसके बाद दोनों दिग्गजों के बीच ट्विटर पर वर्तलाप का सिलसला लगातार जारी है. अगले ट्वीट में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी चुप नहीं रहे. उन्होंने लिखा, "डॉक्टर साहब! आपके आग्रह के पहले ही मैंने 27.06.2022 को इस विषय पर प्रधानमंत्री जी, वित्त मंत्री और गृह मंत्री को पत्र लिखा है. जहां तक कार्रवाई का प्रश्न है, अब बात जब बीजेपी के नेताओं की होती है तो मुलाकात से तो बात बनेगी नहीं, धरना देना होगा.''


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रमन सिंह क्यों बोले- मैं आपके साथ चलने के लिए तैयार हूं


रमन सिंह ने अगले ट्वीट में लिखा,  "एक झूठ छिपाने के लिए कितने झूठ बोलेंगे! अब इधर-उधर की बातें छोड़िए, सीधे चिटफंड की जांच पर आते हैं. आप मुख्यमंत्री हैं, केंद्रीय वित्त मंत्री से ईडी से जांच के लिए समय मांगिए, जहां, जब, जैसे भी चलना है बताइए, मैं आपके साथ चलने को तैयार हूं. बस अब और झूठ और बहाने नहीं!''




इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश ने भी नहले पर दहला देते हुए लिखा, ''मैं एफआईआर की कॉपी निकलवा लेता हूं, आप कोरोना से स्वस्थ हो जाइए, चलते हैं फिर दिल्ली. लगे हाथ केंद्र द्वारा बंद की गयी जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि को बंद न करने का अनुरोध भी कर लेंगे.'' रमन सिंह ने आगे लिखा, ''भूपेश जी! छत्तीसगढ़ को पौने चार साल में आपकी निकम्मी सरकार की अक्षमता का पता चल ही गया है, तभी वो चिटफंड की जांच अब तक नहीं कर पाई है. आपने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर ईडी से जांच की बात कल विधानसभा में की है तो  इस जांच के लिए मेरा भी पूर्ण समर्थन है.''


सीएम भूपेश बघेल ने पनामा पेपर मामले के जरिये ऐसे घेरा


भूपेश बघेल अपने तल्ख लहजे को लेकर तो चर्चा में रहते ही हैं, उन्होंने रमन सिंह से भी कह दिया, ''तब तक एक मदद आप भी कर दीजिए और पुलिस थाने में एफआईआर लिखवा दीजिए कि आपके घर के पते का किसी अभिषाक सिंह ने दुरुपयोग किया है. इससे पनामा पेपर्स में जिस रमन मेडिकल स्टोर का नाम आया है, उसकी भी जांच हो जाएगी. सीएम मैडम कौन हैं इसका पता बाद में चल जाएगा.'' इसके बाद भी रमन सिंह चुप नहीं हुए, उन्होंने अपने अगले ट्वीट में सीएम भूपेश बघेल को कुर्सी छोड़ने तक की नसीहत दे डाली. रमन सिंह ने लिखा, ''पांच लाख अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर हैं, कामकाज पूरी तरह ठप्प पड़ा है, प्रदेश की जनता दर-दर भटक रही है, आप हिमाचल के चुनाव की बैठकों में व्यस्त हैं. आखिर केंद्र का समान भत्ता कब देंगे? नियमितीकरण का वादा पूरा कब करेंगे? वादे निभाओ वरना कुर्सी से उतर जाओ.''


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