रायपुर: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का उद्धघाटन किया. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जोरदार हमला किया. राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने नोटबंदी और जीएसटी लागू करके जनता का रोजगार छीन लिया और अब वह भाई को भाई से लड़ा रही है. ऐसे विकास नहीं हो सकता.
राहुल गांधी ने आदिवासियों के साथ नृत्य भी किया
कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा, ‘’विविधता में एकता हमारी ताकत है और सभी को जोड़ने से ही देश की ताकत बढ़ेगी. भाई को भाई से लड़ाने से देश का भला नहीं हो सकता है.’’ उन्होंने कहा, ‘’बिना सबको साथ लिए, हर धर्म, हर जाति, आदिवासी, दलित, पिछड़ों को साथ लिए बिना देश की अर्थव्यवस्था नहीं चलाई जा सकती. जब तक इस देश के सभी लोगों को जोड़ा नहीं जाएगा, जब तक सभी की आवाज विधानसभा में, लोकसभा में सुनाई नहीं देगी, तब तक न तो बेरोजगारी के बारे में कुछ किया जा सकता है और न ही अर्थव्यवस्था के बारे में." राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का उद्धघाटन करने के बाद राहुल गांधी ने आदिवासियों के साथ नृत्य भी किया.
अर्थव्यवस्था को किसान, मजदूर, गरीब, आदिवासी चलाते हैं- राहुल
राहुल गांधी ने देश की अर्थव्यवस्था और कुछ चुनिंदा लोगों को सरकार द्वारा राहत दिए जाने का सवाल उठाते हुए कहा, "इस अर्थव्यवस्था को किसान, मजदूर, गरीब, आदिवासी चलाते हैं. अगर पूरा पैसा 10-15 लोगों के हवाले कर दिया जाएगा, नोटबंदी की जाएगी, गलत जीएसटी लागू होगा तो हिंदुस्तान में रोजगार पैदा हो ही नहीं सकता, अर्थव्यवस्था चल ही नहीं सकती."
भाई को भाई से लड़ाकर देश का फायदा नहीं हो सकता- राहुल
छत्तीसगढ़ की पहल की सराहना करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "यहां किसानों, युवाओं, आदिवासियों, महिलाओं की बात सुनी जा रही है और प्रदेश को आगे ले जा रहे हैं. सभी मिलकर इस प्रदेश को आगे ले जा रहे हैं. इसका फर्क नजर आता है, यहां हिंसा कम हुई, यहां की अर्थव्यवस्था अन्य राज्यों से आगे निकल रही है. यह अंतर नजर आता है, क्योंकि तोड़ने से कुछ नहीं बनाया जा सकता, भाई को भाई से लड़ाकर देश का फायदा नहीं हो सकता."
राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव को विविधता में एकता का प्रतीक बताते हुए राहुल गांधी ने कहा, "यहां देश भर से अलग-अलग हिस्से से आदिवासी आए हैं. वे यहां अपनी संस्कृति और कला का प्रदर्शन करेंगे, अनेकता में एकता दिखेगी और पता चलेगा कि अनेकता से ही एकता बनती है."
राजधानी के साइंस कॉलेज मैदान में शुक्रवार को तीन दिन राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव शुरू हुआ, जिसमें 25 राज्यों के आदिवासी एक ही समय पर एक स्थान में उपस्थित रहेंगे. साथ ही इस महोत्सव में बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, यूगांडा, बेलारूस और मालदीव के कलाकार भी शामिल हो रहे हैं.
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