रायपुर: छत्तीसगढ़ में बालिका दिवस के अवसर पर सुचिता योजना की शुरूआत की गई जिसके तहत तहत राज्य के दो हजार स्कूलों में सेनेटरी नैपकीन की एटीएम वेंडिंग मशीन लगाई जाएगी. आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि राज्य में बालिका दिवस के अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शुचिता योजना की शुरूआत की गई. इस योजना के तहत राज्य के 2000 शालाओं जहां बेटियां अध्ययनरत हैं, सेनेटरी नैपकिन की एटीएम वेंडिंग मशीन लगाई जाएगी.


शुरुआती तौर पर 7200 नैपकिन निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी. उसके बाद दो रूपए में एक नैपकिन दी जाएगी. मशीन स्कूलों के शौचालयों में लगाया जाएगा. राज्य में महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव एम. गीता ने बताया कि राज्य के रायपुर जिले समेत अन्य जगहों पर पहले ही यह मशीन लगाई जा चुकी है. हालांकि जल्द ही 2000 कन्या शालाओं में इसे लगाया जाएगा. वहीं उपयोग किए गए नैपकिन के सुरक्षित निपटान की भी व्यवस्था की जाएगी.


गीता ने बताया कि इस योजना का उदे्श्य बालिकाओं को केवल नैपकीन देना नहीं है बल्कि उन्हें स्वच्छता के लिए जागरूक करना है. अधिकारी ने बताया कि इसके साथ ही बालिकाओं को स्वच्छता के बारे में जानकारी देने के लिए मास्टर ट्रेनर्स को स्कूलों में भेजा जाएगा. ट्रेनर्स बालिकाओं को स्वच्छता और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देंगे. उन्होंने बताया कि अभी भी कई जगहों पर बालिकाएं सेनेटरी नैपकीन लेने में झिझक महसूस करती हैं. मशीन लगने से उन्हें ऐसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा.


इधर बालिका दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री रमन सिंह ने शहर के तेलीबांधा तालाब के किनारे कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में आज बेटियां हर क्षेत्र में समान रूप से आगे बढ़ रही हैं और हर क्षेत्र में परचम लहरा रही है. हमारी बेटियां किसी से कम नहीं है, वे हर जगह देश का प्रतिनिधित्व कर रही है, चाहे अंतरिक्ष में जाने का अवसर हो या फाइटर प्लेन चलाना, या देश को ओलपिंक में मेडल दिलाना हो, बेटियों ने सफलता का परचम लहराया है. सिंह ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं में जब रिजल्ट की सूची देखते है तो हमें गर्व होता है कि उसमें प्रथम 10 स्थान में बेटियों का ही नाम होता है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का लिंगानुपात देश में केरल के बाद दूसरे स्थान पर है.


मुख्यमंत्री ने राज्य में भ्रूण हत्या पूर्णत: समाप्त करने और बालिकाओं को शिक्षित करने का आव्हान किया.